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प्‍याज के दाम काबू में रखने को केंद्र सरकार ने कसी कमर

त्‍योहारी सीजन में लोगों प्‍याज की कीमत को बढ़ने से रोकने को सरकार ने अब से तैयारी शुरू कर दी है.

दिल्‍ली. देश भर में प्‍याज की खुदरा कीमत में एक सप्‍ताह में ही 7 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी ने सरकार के कान खड़े कर दिए हैं. त्‍योहारी सीजन में लोगों प्‍याज की कीमत को बढ़ने से रोकने को सरकार ने अब से तैयारी शुरू कर दी है।

त्योहारी सीजन के दौरान रेट पर लगाम लगाने के लिए सरकार खुदरा बाजारों में प्याज की बिक्री बढ़ाएगी. दिवाली के आसपास सरकार बफर स्‍टॉक से ज्‍यादा प्‍याज बाजार में बेचेगी ताकि दाम काबू में रहे।

पिछले एक सप्‍ताह से प्‍याज की कीमत लगातार बढ़ रही है. एक सप्‍ताह पहले जहां खुदरा मार्केट में प्‍याज 33 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, वहीं 26 अक्टूबर को रेट बढ़कर औसतन 40 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। सरकार ने पहले भी प्‍याज के रेट बढ़ने से रोकने को कई कदम उठाए थे, लेकिन फिर भी प्‍याज की कीमत में बढ़ोतरी जारी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सप्लाई और मांग में भारी अंतर है, जिसकी वजह से कीमत बढ़ रही हैं।

क्‍या है सरकार का प्‍लान?

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने 26 अक्टूबर को कहा कि सरकार दिवाली के नजदीक आते ही खुदरा बाजारों में स्टॉक जारी करना शुरू कर देगी, ताकि त्योहारी मांग के कारण होने वाली कीमत में किसी भी बढ़ोतरी को कम किया जा सके. त्योहारी सीजन के दौरान भी रेट को 50 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में रखने के लिए बफर बनाया जा रहा है. साल 2022-23 में सरकार ने 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के तौर पर रखा था।

उपभोक्ता मामलों के विभाग से मिली जानकारी के मुतबिक, सरकार ने अपने कुल स्टॉक का 1.74 लाख टन पहले ही जारी कर दिया है. अधिकारी ने आगे कहा कि हम ज्यादातर थोक बाजारों में कीमतों को कम करने के लिए 16 राज्यों में स्टॉक जारी कर रहे हैं। पहले केंद्र सरकार ने यह फैसला किया था कि वह 2023-24 सीजन में बफर स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज रखेगी, लेकिन अगस्त में कीमत बढ़ने के बाद इसे बढ़ाकर 5 लाख टन कर दिया गया था। अब सरकार ने अपना बफर स्‍टॉक 7 लाख टन तक बढ़ाने का फैसला किया।

कब कम होगा भाव?

सरकारी अधिकारी ने बताया कि खरीफ की आवक शुरू होने के बाद, प्‍याज के रेट कम हो जाएंगे, लेकिन त्योहारों की वजह से कीमत ऊंची बनी रहेंगी. नवंबर के आखिर तक कीमत में भारी गिरावट आने की उम्मीद है. देश भर के कुल 545 केंद्रों में से 43 पर प्याज की खुदरा कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा है।

अगस्त के दूसरे सप्ताह में महाराष्ट्र के पिंपलगांव और लासलगांव थोक बाजारों में प्याज की दाम चढ़ने शुरू हो गए थे. प्याज की कीमत अगस्त पहले सप्‍ताह में 1200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 20 अगस्‍त तक 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं थी. इसके बाद सरकार ने 20 अगस्त को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया, जिससे रेट में कुछ स्थिरता आई।

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7k Network

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