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UP का एक गांव ऐसा भी! जहां 35 साल में नहीं दर्ज हुआ कोई FIR

यूपी का एक गांव ऐसा भी! जहां 35 साल में नहीं दर्ज हुआ कोई FIR

इस गांव में अगर कोई भी आपसी विवाद होता है तो उसको गांव के पंचों द्वारा बैठकर उसका निस्तारण कर दिया जाता है

शाहजहांपुर : शाहजहांपुर का एक ऐसा गांव जहां पिछले 35 वर्षों में किसी व्यक्ति ने थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। इस गांव में अगर कोई भी आपसी विवाद होता है तो उसको गांव के पंचों द्वारा बैठकर उसका निस्तारण कर दिया जाता है। गलती करने वाले व्यक्ति से माफी मंगवाने के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे के गले मिलते हैं और विवाद खत्म हो जाता है।

विकासखंड क्षेत्र भावलखेड़ा की ग्राम पंचायत नियामतपुर में पिछले 35 सालों से एक ही परिवार से ग्राम प्रधान चुनकर आ रहा है. यह परिवार किसी और का नहीं बल्कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव का है. यहां 1988 में वीरेंद्र पाल सिंह यादव पहली बार र्निविरोध ग्राम प्रधान चुने गए थे। उसके बाद दो बार उनकी पत्नी लज्जावती यादव और फिर तीन बार उनकी पुत्र वधू ममता यादव ग्राम प्रधान चुनकर आई तो वहीं मौजूदा समय में अब उनका छोटा बेटा अभय प्रताप सिंह यादव ग्राम प्रधान है।

35 साल में नहीं दर्ज हुई कोई एफआईआर

इस ग्राम पंचायत में नियामतपुर, बिजलीखेड़ा और नगरिया बहाव गांव शामिल है. इस ग्राम पंचायत की कुल आबादी 2000 है।

जिसमें से 1100 लोग ग्राम प्रधान चुनने के लिए मतदान करते हैं. पूर्व ग्राम प्रधान और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी ग्राम पंचायत के लोग आपसी मेल-जोल और सद्भाव के साथ रहते हैं। अगर किसी बात को लेकर कोई विवाद हो जाए तो कोई भी पक्ष थाने नहीं जाता बल्कि गांव में ही बैठकर पंचों द्वारा फैसला कर दिया जाता है. जिसकी गलती सामने आती है। वह पंचों के सामने दूसरे पक्ष से माफी मांग लेता है और गले मिलकर विवाद को खत्म करा दिया जाता है. वीरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि 1988 से लेकर आज तक किसी भी ग्रामीण ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है।

चौपाल लगाकर लोगों से करते हैं बातचीत

वीरेंद्र पाल सिंह यादव ने बताया कि समय-समय पर वह ग्रामीणों के साथ बैठकर एक चौपाल लगाते हैं। इस दौरान वह लगातार लोगों से अपील करते हैं कि सभी लोग आपसे मेलजोल और सद्भाव के साथ मिलकर रहें ताकि गांव में खुशहाली और तरक्की आए।

गांव में स्थापित किया रामराज्य

वीरेंद्र पाल सिंह यादव ने बताया कि 1988 में जब वह पहली बार निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनकर आए थे. इस दौरान उन्होंने ठान लिया था कि गांव में रामराज्य स्थापित करना है। वीरेंद्र पाल सिंह यादव का कहना है कि वह इसमें कामयाब भी हुए हैं. रामराज्य को स्थापित करने के लिए ग्रामीणों का भी खास सहयोग रहा है। उनका कहना है कि अगर गांव में कोई समस्या होती है तो वह गांव का मुखिया होने के नाते जो भी फैसला पंचों के साथ मिलकर करते हैं. गांव के लोग उसको सर माथे मानते हैं. वीरेंद्र पाल सिंह यादव का कहना है कि उनकी इच्छा है कि गांव में राम राज्य कायम रहे और गांव के लोग तरक्की करें।

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