विद्यालय में आगामी त्योहारों की दी गई विशेष जानकारियां।
संवाददाता करन कुमार विश्वकर्मा
प्रतापगढ़। आपको बता दें कि जनपद प्रतापगढ़ के मांधाता ब्लॉक के अंतर्गत विद्यालय इन्द्रकली देवी विद्या मंदिर बहरिया (अहिना) मांधाता प्रतापगढ़ में समस्त विद्यार्थियों को धनतेरस एवं दीपोत्सव के बारे में अध्यापकों ने विशेष जानकारियां दी। साथ ही आपको बता दें कि विद्यालय के उप प्रधानाचार्य करन कुमार विश्वकर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार जब अमृत प्राप्त करने के लिए देवताओं एवं दानवो के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो एक-एक करके उसमें क्रमशः 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी। समुद्र मंथन के बाद सबसे अंत में अमृत की प्राप्ति हुई थी कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिस दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए वह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी थी इसलिए धनतेरस धन त्रयोदशी के दिन धनवंतरी देव की पूजा का विधान है।
एवं उन्होंने बताया कि प्लास्टिक प्रदूषण आवासों और प्राकृतिक प्रक्रियाओं को बदल सकता है और चीनी लाइटों का उपयोग न करें मिट्टी के बने हुए दीपकों का प्रयोग करें ।इसी बीच विद्यालय के प्रधानाचार्य दशरथ पटेल ,उमादत्त पांडे, एम एन दूबे, अमित पटेल ,शिवेंद्र सरोज, सुरेंद्र शर्मा ,बृजेंद्र मिश्रा, बबलू पटेल, अंकिता पटेल, वर्षा पटेल, सोनम पटेल ,आकांक्षा मौर्य एवं समस्त टीचरगण उपस्थित रहे। साथ ही आपको बता दें कि मांधाता ब्लॉक के अंतर्गत क्षेत्र समस्त विद्यालयों ने छात्र एवं छात्राओं को आगामी त्यौहार की ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशीर्वाद प्रदान किए।
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