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साथ…

साथ….

किसी का साथ छोड़ जाना है आसान

पर साथ निभाना उतना ही मुश्किल

साथ छोड़ कर निकल सकते हैं

पर साथ निभाकर दिखाना

हर किसी के बस की बात नहीं

साथ देने वाले हैं कम

पर वही हैं अनमोल जो देते हैं साथ

चाहे कैसे भी हों हालात

ऐसे लोग होते हैं खास

जो बेगरज साथ निभा जाए

किसी की मदद करके मिलती है शांति

जो होती है अनमोल

ऐसा सुकून खुदगर्ज लोगो को कहां।

किसी का साथ छोड़ कर मत जाना

साथ निभा कर दिखाना।

आयशा अल ग़जल

ये भी पढ़ें थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने क्षेत्र में जाकर गरीब बच्चो को बांटी मिठाई।

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1 thought on “साथ…”

  1. Asking questions are really good thing if you are not understanding anything totally, except this paragraph offers nice understanding
    yet.

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