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सावधान कहींआप तो नहीं हो रहे हनीट्रैप के शिकार

कहानी हनीट्रैप में माहिर माँ बेटियों की, जिन्होंने अपने धंधे में कभी मुड़कर नहीं देखा

सावधान कहीं आप तो नहीं हो रहे हनीट्रैप के शिकार, लगातार बढ़ रहे हनीट्रैप के मामले बने चिंता का विषय, पीड़ित बेबस।

उत्तर प्रदेश मुज़फ्फरनगर जिले की बड़ी खबर सावधान रहे हसीन अदाएं और दिलकश नज़ारों का लुफ्त उठाने से पहले हो जाएं सावधान, हसीनाओं के दीदार करने से आपको जेल भी हो सकती है। इन हसीन माशूकाओं का गिरोह आपको लूट सकता है। ये कातिल अदाएं आपकी छवि को धूमिल करने से ज़रा भी पीछे नहीं हटेंगी। जी हाँ, मुज़फ्फरनगर में पिछले दो वर्षों से हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग का खेल बड़े पैमाने पर खुलेआम खेला जा रहा है। लगभग सभी मामलों में लोग बदनामी के डर से मोटी रकम चुका कर मामले को ठंडे बस्ते में पहुँचा देते हैं। जिसके कारण इन क़ातिल हसीनाओं के हौसले बुलंदियों पर हैं। आइये जानते हैं सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने नगर के हॉट स्पॉट मामले।

“बेबी” नामक हसीना का हनीट्रैप गिरोह कैसे सक्रिय हुआ!

शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवईनगर निवासी एक माँ और उसकी नाबालिग बेटी हनीट्रैप के खेल को बहुत अच्छे से समझ चुकी हैं। हाल ही में युवक ने वीडियो जारी कर खुद को हनीट्रैप गिरोह द्वारा प्रताड़ित होकर खुदकुशी करने की बात कही है। वायरल वीडियो में पीड़ित युवक के सामने ब्लैकमेलिंग करने वाली खिलाड़ी स्वयं ये माँ बेटी और अन्य ब्लैकमेलर हैं। युवक द्वारा जिस महिला व उसके साथियों का नाम लिया जा रहा है उसके बारे में पड़ताल की गई तो युवक द्वारा उक्त महिला पर लगाए गए आरोप सच साबित होते दिख रहे हैं। पड़ताल में पाया कि उक्त बेबी नामक महिला ने पहली बार किसी पर यौन शोषण का आरोप नहीं लगाया, पूर्व में दर्जनों बार उक्त महिला ने अलग अलग नव युवकों से संबंध बनाकर उन पर पुलिस व पत्रकारिता का रौब बनाकर मोटी रकम वसूली है। इतना ही नहीं अपने धंधे में वृद्धि होते देख उक्त महिला ने अपनी नाबालिग बेटी को भी ब्लैकमेलिंग के धंधे में उतार दिया है। यहां तक कि अपनी बेटी को उक्त महिला ने अपना मुख्य हथियार बनाकर लाखों रुपए की कमाई कर डाली है। उक्त महिला द्वारा पड़ौस के रहने वाले युवक पर पूर्व में अपनी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर लाखों रुपए वसूले थे। जिसके बाद उक्त महिला के मुंह शॉर्टकट से पैसे कमाने का चस्का लग गया फिर इस जालसाज़ महिला ने कभी अपने धंधे में पीछे मुड़कर नहीं देखा। उक्त महिला और उसके साथी पहले पैसे वाली पार्टी टारगेट कर उनसे सोशल मीडिया के माध्यम से मित्रता बनाते है और महीनों बाद उनसे पुलिस का रौब दिखाकर पैसों की मांग करते है। मांग पूरी न होने पर महिला कानून का सहारा लेती है, अंत में बदनामी के डर से पीड़ित नवयुवक को पैसे देकर मामला दबाना पड़ता है। अब तक इस महिला ने शहर के दर्जनों युवकों एवं तथाकथित पत्रकार व बुढ़ाना, देवबंद, खतौली व मेरठ के नवयुवकों से पैसे वसूलकर हनीट्रैप के धंधे में बड़ा नाम कमाया है। धंधे में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसलिए उक्त दिलकश महिला ने कुछ पत्रकारों से “संबंध” बनाकर खुद को पत्रकार बताना शुरू कर दिया है। हालांकि एक पत्रकार के साथ ऑफिस में रंगरेलियां बनाकर लगभग चार लाख रुपये ऐंठने वाली दिलकश महिला को अब कोई भी अपनी संस्थान में रखने को तैयार नहीं है, लेकिन उक्त महिला द्वारा खुद को पत्रकार बताने में ज़रा भी संकोच नहीं होता।

आखिर कौन हैं ये ब्लैकमेलर माँ बेटियाँ!

मूल रूप से बुढ़ाना के मेन बाज़ार की रहने वाली बेबी व उसकी दो बहनें दिखने में जितनी हसीन हैं उतनी ही शातिर भी हैं। बेबी ने लगभग चार लोगों से शादी कर तलाक के नाम पर मोटी रकम वसूली है। वही काम उसकी दिल्ली निवासी बहन ने भी किया। अब बेबी अपने चौथे पति के साथ किदवईनगर इलाके की पन्नी फैक्ट्री के पास रहती है। शातिर बेबी की आंखें ऐसे ही नशीली नहीं कही जाती, प्रतिदिन शराब पीने से बेबी नामक महिला व उसकी बेटी की चमक निखर रही है। शातिर माँ बेटी स्थानीय अमीर नवयुवकों को सिड्यूस कर अपने जाल में फंसाती हैं और उनसे मोटी रकम वसूल कर अपने शौक पूरे करती हैं। बेबी का परिवार हनी ट्रैप के धंधे से ही अपना जीवन यापन करता है। शातिर बेबी का चौथा पति भी इस कमाई का आदी हो चुका है। अब वह काम धंधा ना कर अपनी पत्नी व सौतेली बेटी को स्वयं तैयार कर नए नए मुर्गों के पास भेजता है ताकि उनके परिवार का गुज़र बसर हो सके। मामला महिला अपराध से जुडा होने के कारण पीड़ित नवयुवकों को आज तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। यदि शातिर बेबी नामक महिला व उसकी बेटियों की कुंडली खंगाली जाए तो शायद नवयुवकों को इंसाफ मिल सके।

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