झांसी जिले के थाना चिरगांव के अंतर्गत ग्राम भरतपुरा निवासी घनश्याम पाल 45 वर्षीय पुत्र राजाराम, जानवरों के लिए चारा लाने अपने खेत पर गए हुए थे। जब उन्होंने जानवरों के लिए चारा काट लिया तो वह अपने घर की ओर आने लगे तभी खेतों में लगे कटीले तार जो जानवरों से खेत की सुरक्षा के लिए लगाए गए थे। उन कटीले तारों के ऊपर किसी एक जगह से तेज करेंट वाली बिजली के डोरी निकली हुए थी। तेज करेंट वाली बिजनी की डोरी बार बार कटीले तारों के साथ रगड़ने से उस डोरी में कट हो गया। और तेज करेंट पूरे चारों तरफ लगे कटीले तारों में फेल गया। जिसके बारे में मृतक घनश्याम पाल को कोई जानकारी नहीं थी। जैसे ही वह जानवरों का चारा लेकर अपने घर की ओर आने लगे तो वह अचानक उस कटीले तारों के संपर्क में आ गए। जिसमे तेज करेंट था। और उन्होंने घटना स्थल पर ही अपना दम तोड़ दिया।
घनश्याम पाल के भाई की पुत्रवधू का कहना है कि वह अपने खेत में चारा काट रही थी, जो उनके पास वाले खेत में थी। उन्होंने सोचा कि चाचा जी अभी तक नहीं आए इतनी देर क्यों लग गई जब मैने नजदीक जाकर देखा तो घनश्याम पाल ( चाचा जी ) करंट की चपेट में आ चुके थे।
भाई की पुत्र वधु की चीखने की आवाज सुनकर आस- पास खेतो में काम कर रहे गांव के किसान सभी आ गए और देखा की कौन रो रहा है पास जाकर देखा तो घनश्याम पाल को करेंट लगा है और तुरंत ही ग्रामवासियों ने बिजली बंद कराई और घर के परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर परिजन भागते हुए आए और घनश्याम पाल को गाड़ी में लेकर चिरगांव सरकारी अस्पताल में पहुंचे जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। और पंचनामा करके मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए झांसी भेज दिया गया।
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