अंधेरे में तीर चला रही पुलिस अनजान व्यक्ति को बना दिया गवाह, घनश्याम सरोज ने दिया शपथपत्र पुलिस ने नहीं लिया किसी प्रकार का कोई बयान
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र के परसरा गांव निवासी राम नरेश पुत्र स्वर्गीय राम बहोरे के घर पर 12/11/2023 को रात्रि लगभग 11 बजे दीपावली के दिन भुक्तभोगी के गांव के ही मान सिंह और गुलाब पुत्र गण राम सुरेमन और सत्य भवन व जुवेंद्र कुमार पुत्र गण सुदामा ने भुक्तभोगी के घर में घर की दीवार को तोड़ कर घर में कूद गए उस समय भुक्तभोगी घर पर सो रहा था जब आरोपियों ने भुक्तभोगी के घर पर कूदे तभी भुक्तभोगी की नींद खुल गई और भुक्तभोगी ने देखा कि मान सिंह हाथ में छूरी लिए हुए हैं तब तक मान सिंह भुक्तभोगी पर वार करना चाहा।
भुक्तभोगी से हाथापाई करते हुए चिल्लाया, और मान सिंह को उठाकर पटक दिया तब तक सभी आरोपी मिल कर मानसिंह को छुड़ा कर भाग खड़े हुए भुक्तभोगी ने पुलिस चौकी इंचार्ज को लिखित तहरीर दी लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की मुकदमा दर्ज करने के बजाय पुलिस उल्टा ही कहने लगे कि तुम ने ही आरोपियों को मारा है जब भुक्तभोगी ने आईजीआरएस किया तो चौकी प्रभारी ने अपने रिपोर्ट में घटना से पहले 12/10/2023 को घटना दिया जबकि 12/10/2023 को किसी प्रकार की घटना नहीं हुई यह पुलिस का पहला रिपोर्ट झूठा साबित हुआ।
पुलिस का दूसरा झूठा यह साबित हो रहा है कि जो नाम अतुल पांडेय और जो मोबाइल नंबर 9260979150 जवाब में लिखा है वह महोबा जनपद के जितेंद्र कुमार दर्जी का है, जिसका आडियो रिकॉर्डिंग मौजूद हैं।
पुलिस का तीसरा झूठ घनश्याम सरोज पुत्र सुख लाल सरोज ने लिखित शपथपत्र दिया है कि इस संबंध में मुझसे चौकी प्रभारी सत्य प्रकाश पाठक ने किसी प्रकार का कोई बयान नहीं लिया है
आखिर सवाल उठता है कि पुलिस महकमा जनपद के गवाहों को छोड़कर 200 किमी दूर के जनपद महोबा को गवाह बना दिया है इससे साबित होता है कि पुलिस महकमा सरासर झूठे केस में लोगों को फंसा देती है और लोगों को गुनाह करने पर मजबूर कर देती है।
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