सामुदायिक शौचालय बदहाल, बाहर शौच जाना मजबूरी
संवाददाता प्रिंस रस्तोगी
मवाना, मेरठ : नगर पंचायत फलवादा मे भारी संख्या में शौचालय नहीं बने, जो बने भी हैं। अधिकतर अधूरे पड़े हैं। जो शौचालय बन गए हैं। उनका उपयोग नहीं हो रहा है। गंदगी व जलजमाव से मच्छरों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। फलावदा गडीना रोड पर बने शौचालय पर गंदगी इतनी रहती है कि वहा के व्यापारी लोग बहुत परेशान हैं शौचालय न जाकर उन्हें वहां पर खुले में ही जाना पड़ता है ना ही कोई कर्मचारी वहा रहता है कस्बे के व्यापारी लोग भी बहुत परेशान है
सरकार शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय बनाने पर जोर दे रही है। जिस पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। परंतु जहां पहले से शौचालय बने हैं, उसका कोई पुरसाहाल नहीं है। फलवादा में दशक पूर्व उस समय सामुदायिक शौचालय बना था।
इसके बाद भी सामुदायिक शौचालय की स्थिति पुरानी जैसी है। ऐसे में बहुत सारे लोग बाहर शौच जाने को मजबूर हैं।
उपेक्षा के चलते सामुदायिक शौचालय प्रयोग में भी नहीं लिया जा रहा है। अब भवन खंडहर होने लगा है। खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। मगर जिम्मेदारों का गंभीरता नहीं दिखा रहा है। वही कालेसिंह मंदिर स्थित में करीब लाखो की लागत से शौचालय का निर्माण हुआ। जिसमें महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग शौच की व्यवस्था बनाई गई। आसपास के लोग इसका इस्तेमाल भी करने लगे। परंतु देखरेख के अभाव में भवन उपेक्षित हुआ तो फिर इसको प्रयोग में नहीं लाया जा सका है। शौचालय इन दिनों बदहाली का दंश झेल रहा है। दीवारें टूट रही है तो दरवाजा, सीट सब खराब स्थिति में है, जबकि टोटी गायब हो चुकी है। जिम्मेदार कोन है?
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