भूमि विवाद में हुई मारपीट सात लोग घायल
संवाददाता / रंग बहादुर वर्मा
UP जनपद / प्रतापगढ़
भूमि विवाद में सोमवार को दो पक्षों में जमकर हुई मारपीट में सात लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों पक्षों से जुड़े इक्कीस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एक पक्ष ने पुलिस पर मिलीभगत कर विवादित जमीन पर शौचालय निर्माण कराने का आरोप लगाया है।
घटना के बाद से गांव में तनाव बढ़ गया है।
लालगंज कोतवाली के रायपुर भगदरा में कमल सिंह व वीरू सरोज के बीच भूमि विवाद चल रहा है। आरोप है कि वीरू पक्ष के लोग बीते चार दिन से जबरन कमल सिंह की भूमिधरी की जमीन पर शौचालय बनवा रहे हैं। मामला पुलिस तक पहुंचा तो निर्माण पर रोक लगा दी गई। इसके बाद भी शौचालय का निर्माण जारी रहा।
सोमवार की सुबह जब वीरू के पक्ष के लोगों पुलिस की रोक के बाद निर्माण कार्य शुरू किया तो कमल सिंह के परिजनों ने उन्हें रोका। पुलिस को भी सूचना दी गई, लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। इस बीच दोनों पक्षों में विवाद बढ़ा और लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर चलने लगे। मारपीट की घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें लाठी-डंडों से मारपीट हो रही है।
बवाल की सूचना पर घंटे भर बाद पुलिस पहुंची तब तक दोनों पक्षों के सात लोग घायल हो चुके थे। पुुलिस घायलों को लेकर अस्पताल पहुंची। यहां हालत गंभीर देख कमल सिंह की पत्नी मीनू को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। मामले में दोनों पक्षों के 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
कमल सिंह के परिजनों का आरोप है कि विपक्षी पुलिस की शह पर हमलावर होकर निर्माण करा रहे थे। प्रभारी निरीक्षक अवन कुमार दीक्षित ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। घटना विवादित जमीन पर कूड़ा फेंकने पर हुई है। पुलिस ने निर्माण पर रोक लगाते हुए दोनों पक्ष का शांति भंग में चालान किया था। गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
रायपुर भगदरा में भूमि विवाद में बवाल की रूपरेखा चार दिन पहले बन गई थी। पीडि़त कमल सिंह के मुताबिक उसकी जमीन पर जबरन शौचालय निर्माण की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने सख्ती करने के बजाय समझा-बुझाकर वापस कर दिया। इसके बाद विपक्षी वीरू सरोज के पक्ष की ओर से लगातार निर्माण करने का प्रयास करने पर रोकते हुए पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया। इसी का परिणाम रहा कि सोमवार को फिर विवाद शुरू हुआ तो दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। तनाव की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच जाती तो इस घटना को रोका जा सकता था। तनाव देखकर लगता है कि पुलिस लापरवाह बनी रही तो जल्द ही अनहोनी हो सकती है।
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