कुत्ते- बंदरों के हमले से महिलाएं बच्चे हो रहे चोटिल, रेबीज इंजेक्शनों का बना है अभाव
संवाददाता प्रिंस रस्तोगी
मवाना। सरकार की कुत्तों – बंदरों से बचाने को चलाई जा रही योजना की मुहिम कागजों मैं ही दौड़ रही है।
अगर हालात पर चर्चा करें तो कोई गली मोहल्ला ऐसा नहीं होगा जहां बंदरों का आतंक इस वक्त पूरी तरह फैला हुआ है, कोई गली मोहल्ला ऐसा नही जहां बंदर कुत्तों का आतंक ना हो। और घरों में रहने वाले लोग उनके हमले से चोटिल हो रहे हैं अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन का अभाव बना हुआ है।
मवाना तहसील स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंजेक्शन लगवाने के लिए सुबह से ही भारी भीड़ दिखाई दी। यहां यह भी बता दे की पिछले दो दिनों से अस्पताल में वैक्सीन नहीं थी जिसके कारण अस्पताल में नियत बुधवार के दिन सैकड़ो की संख्या में मरीज
आपातकालीन द्वार पर दिखाई दिए। करीब ढाई सौ लोगों को कुत्ते बंदरों के आतंक से मुक्ति हेतु रेबीज इंजेक्शन लगाए गए।
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