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मुख्यमंत्री जी ने जनपद कौशाम्बी में नया महाविद्यालय खोलें जाने के लिए जिलाधिकारी को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के दियें निर्देश

मुख्यमंत्री जी ने जनपद कौशाम्बी में नया महाविद्यालय खोलें जाने के लिए जिलाधिकारी को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के दियें निर्देश। सरकार पूरी तरह से शिक्षा के प्रति सम्वेदनशील होकर कार्य कर रहीं हैं-हम सबका मानना है कि एक सशक्त समाज और समर्थ्य राष्ट्र की आधारशिला शिक्षा ही दें सकतीं है- मुख्यमंत्री

रिपोर्टर अमित कुमार

कौशाम्बी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महेश्वरी प्रसाद इण्टरमीडिएट कॉलेज के संस्थापक प्रबन्धक स्व0 देवेन्द्रनाथ श्रीवास्तव के स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय संगीता श्रीवास्तव ने मा0 मुख्यमंत्री जी को प्रशस्ति-पत्र भेंट किया तथा मा0 न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायायल श्री विक्रमनाथ श्रीवास्तव जी ने मा0 मुख्यमंत्री जी को स्मृति चिन्ह भेंट किया।   

मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज उन्हें आप सब के बीच में आ करके अत्यन्त प्रसन्नता की अनुभूति हो रहीं है, कौशाम्बी जनपद के इस आलमचन्द्र में आज से 06 दशक पूर्व जब अपने पूर्वजों के धरोहर को संरक्षित करने और उस परम्परा को यहॉ की स्मृतियों में बनायें रहने के लिए, जब उस समय के प्रख्यात अधिवक्ता श्री देवेन्द्रनाथ श्रीवास्तव जी ने इस विद्यालय की शुरूआत की होगी, उस समय यह क्षेत्र कितना पिछड़ा रहा होगा, लेकिन मन में एक भाव था परोपकार का, जनसेवा का, पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता भाव व्यक्त करते हुए उनके नाम को बनाये रखने का और आज उनका यह सपना यहॉ पर महेश्वरी प्रसाद इण्टरमीडिएट कॉलेज के रूप में साकार होकर हम सब के सामनें मूर्त रूप में हैं। उन्होंने विद्यालय के संस्थापक स्व0 श्री देवेन्द्रनाथ श्रीवास्तव जी, जिन्होंने अपने पूर्वजों के प्रति पितृ परम्परा के प्रति श्रद्धा एवं कृतज्ञता का भाव रखते हुए संस्था की स्थापना की उनके एवं बाबू महेश्वरी प्रसाद जी की स्मृतियों को नमन करते हुए श्रद्धान्जलि अर्पित किया। उन्होंने कहा कि आप जितने भी धार्मिक ग्रन्थ पढ़ते होंगे, चाहे श्रीमद्भागवत गीता हो या रामचरितमानस हो या पौराणाणिक परम्परा से जुड़ा हुआ कोई भी ग्रन्थ हो, वे एक बात की प्रेरणा देते हैं कि बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं प्राप्त हों सकता। श्रद्धा के लिए हमारे मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए, कि किसी महापुरूष ने अपने पूर्वजों की स्मृतियों को बनाये रखने के लिए, इस विद्यालय की स्थापना की। आज के भागम-भाग के समय में जब लोग स्वयं की व्यवस्था के लिए दर-दर भाग रहें है, तब आज से 60 वर्ष पहले इस विद्यालय की स्थापना होती है। उन्होंने कहा कि मुझे वर्तमान में इस बात की प्रसन्नता हो रहीं हैं कि इस विद्यालय में 2526 छात्र इस विद्यालय में अध्ययन कर रहें है, जिसमें 1353 बालिकायें पढ़ रहीं है, यह बहुत शुभ संकेत है कि बालिकायें स्कूल आ रहीं है एवं बालकों की संख्या मात्र 1173 है, यानि बेटियॉ एक बार फिर से अव्वल स्थान प्राप्त कर ली हैं। 2500 से अधिक बच्चां को उन्हीं के जनपद में, उन्हीं के गॉव के इर्द-गिर्द शिक्षा का एक उत्तम क्रेन्द्र मिला है, विद्यालय के संस्थापकों के प्रति तथा जिस महापुरूष के नाम पर विद्यालय है, उनके प्रति हमारे मन में एक कृतज्ञता का भाव होना चाहिए।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आप सब जानतें है कि प्राचीन गुरूकुल परम्परा में भी दीक्षान्त समारोह होता था, उसमें एक आचार्य अपने शिष्य के प्रति यहीं बात करता था, यहीं भाव व्यक्त करता था तथा उपदेश का सार, जो तैतरीय उपनिषद् में देखने को मिलता हैं कि सत्यम् वद, धर्मं चरः यहॉ से शुरू होकर मातृदेवोभवः, पितृ देवोभवः, आचार्य देवोभवः, अतिथि देवोभवः इन सभी का पालन करते हुए, देवोभवः का मतलब किसी ने कुछ अच्छा किया हुआ है, तो उसके द्वारा किये गये योगदान के प्रति कृतज्ञता व श्रद्धा का भाव प्रकट करना। विगत् 59 वर्षों में हजारों बच्चों ने यहॉ से शिक्षा ग्रहण की होगी, वे ज्ञानवान बनकर समाज में अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी सेवायें दे रहें होंगे, कोई समाज सेवा के क्षेत्र में, कोई शिक्षा के क्षेत्र में, कोई चिकित्सा के क्षेत्र में तो कोई व्यापार के क्षेत्र में होगा, जीवन के अलग-अलग क्षेत्र में रहकर समाज व राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें रहें होंगे, वे आज अगर कुछ कर पा रहें है, तो उसके पीछे माता-पिता के संस्कार एवं योगदान के साथ ही साथ इस विद्यालय का भी योगदान हैं, जिसने उन्हीं के घर के पास शिक्षा का एक उत्तम केन्द्र बनावाने की प्रेरणा दी और आज बाबू महेश्वरी प्रसाद जी की स्मृति को ताजा रखते हुए यह इण्टर कॉलेज अपने भव्य इमारत के साथ 2500 से भी अधिक बच्चों को शिक्षा अर्जित करने के साथ-साथ उनके ज्ञानार्जन का भी एक महत्वपूर्ण केन्द्र बना हुआ है, मा0 मुख्यमंत्री जी ने इसके लिए वर्तमान प्रबन्धक, जो देश की जानी-मानी हस्ती हैं, उनका हृदय से अभिनन्दन किया कि वे इस विद्यालय को आगें लें जाने में इतना रूचि ले रहें है। न्यायमूर्ति श्री विक्रमनाथ दिल्ली से इस कार्यक्रम में भागीदारी करने के लिए आयें हैं तथा कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय संगीता श्रीवास्तव जी भी अपना समय निकालकर इस कार्यक्रम में आयीं हैं, ये विभूतियॉ एक प्रेरणा हैं, लोगों के लिए तथा इनसे हजारों, लाखों युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त होती है, आप भाग्यशाली हैं, कि वे आपके बीच में अभिभावक के रूप में/सामान्य नागरिक के रूप में बैठकर आपसे बात-चीत कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अचानक बड़ा नहीं होता, व्यक्ति परिश्रम करके पूरी लगन व निष्ठा से कार्य करता हैं, तो वह बड़ी से बड़ी मंजिल प्राप्त कर सकता हैं, इस विद्यालय का प्रबन्धन आप सब के सामने इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

 मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य कर रहीं हैं। हम सबको मिलकर कार्य करने की आवश्यकता हैं। निजी क्षेत्र का भी बहुत बड़ा योगदान हैं, अगर स्व0 देवेन्द्रनाथ श्रीवास्तव जैसी विभूतियों ने उस कालखण्ड में शिक्षण केन्द्रों की स्थापना न की होती, तो क्या होता। जगह-जगह जो विद्यालय बने हुए हैं, शिक्षा के केन्द्र बनें हुए हैं, यह सब समाज के योगदान से सम्भव हुए, लोगों ने अपनी सम्पत्ति लगाकर के, अपने पूर्वजों की कीर्ति को बनाये रखने के लिए, समाज को मार्गदर्शन देने के लिए, हमारी आने वाली पीढ़ी समाज व राष्ट्र के लिए कुछ योगदान दें पायेंगी, इसके लिए उनके द्वारा एक प्रयास प्रारम्भ किया गया। निजी क्षेत्र के योगदान के कारण ही आज हम सब शिक्षा की व्यवस्था को देखतें हैं। उन्होंने कहा कि जब भी समाज आगे होता हैं और सरकार पीछे होती हैं, तो समाज प्रगति की नित नये कीर्तिमान स्थापित करता है, जब सरकार आगे होती है और समाज पीछे होता हैं तो समाज स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर सकता, इसलिए समाज आगे था, तो यह देश विश्वगुरू के रूप में स्थापित हुआ, जब हमने समाज को पीछे कर दिया, परिणाम यह हुआ कि देश पिछड़ता गया। आज एक शुभ लक्षण दिखाई देता है कि समाज जागरूक हो गया है, समाज आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो गया है, इसके परिणाम हमें आगे देखने को मिलेंगे, उसी भाव के साथ सरकार कार्य कर रहीं है।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार प्रोजेक्ट अलंकार के तहत सरकार से वित्तपोषित एवं सरकारी विद्यालयों में भवन निर्माण के लिए सरकार पैसा दे रहीं है, जिसमें सरकार 75 से 90 प्रतिशत पैसा सरकार दे रहीं है और 10 से 25 फीसदी पैसा प्रबन्धन को जनसहयोग से लेकर के करना है। उन्होंने बच्चों से कहा कि सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ लाईब्रेरी भी जायें, अखबारों को जरूर पढ़े, पुस्तकालयों में नई-नई पुस्तकों को अवश्य पढ़ें, जिससे आपका ज्ञान अर्जन होगा, आपको आगे बढ़ने के लिए एक नई प्रेरणा प्राप्त होगी, सफलतम कहॉनियों को देखने-सुनने का एक अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे करके लाइब्रेरी को डिजिटल लाईब्रेरी के रूप में विकसित करना होगा, सरकार इसमें सहयोग कर रहीं है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत महेश्वरी प्रसाद इंण्टर कॉलेज का भी चयन हुआ है, सरकार इसके लिए धन उपलब्ध करा रहीं है, जिससे इस भवन को और अच्छा बनाया जा सकें, नये क्लॉसरूम एवं लाइब्रेरी बनाने तथा सुविधाओं को विकसित करने में धनराशि का उपयोग हो पायेंगी।  

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि यहॉ पर नया महाविद्यालय खोलें जाने के लिए प्रस्ताव उपलब्ध करायें, जिससे यहॉ के बच्चों को शिक्षा की उत्तम व्यवस्था मिल सकें। कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय संगीता श्रीवास्तव का महाविद्यालय के निर्माण में मार्गदर्शन मिलेंगा, यह महाविद्यालय, यहॉ पर उच्च शिक्षा की आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हम लोगों को एक अवसर दिया है, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से आगे बढ़ने के लिए। हमें बच्चों को शिक्षा के पाठ्यक्रम से अवगत कराने के साथ ही अभी से उसे कुछ नये कार्यक्रमों के साथ भी जोड़ना पड़ेंगा। कौशल विकास के ऐसे कौन से कार्यक्रम हो सकतें है, जिसमें बच्चे पारंगत हों और पारंगत होकर आगे बढ़ने के लिए उन्हें एक मंच मिल सकें, अभी से कार्य करना होगा। एक जनपद-एक उत्पाद के तहत जनपद में ऐसी कौन सी विशिष्ट उत्पाद है, जिसमें रोजगार की अनन्त सम्भावनायें हैं, उसमें हम नयापन क्या दें सकतें है, इस सम्बन्ध में इन्नोवेशन/शोध का केन्द्र हमारे विद्यालयों को बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 09 वर्षों में खेल के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कियें हैं। आज हमारे खिलाड़ी ओलम्पिक एवं एशियन गेम्स में अच्छा प्रदर्शन कर रहें है, अब तक के ओलम्पिक में भारतीयों का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। एशियन गेम्स में भी भारत के खिलाड़ियों को पहली बार 100 से ज्यादा पदक प्राप्त हुए है, यह हमारे नये सामर्थ्य को व्यक्त करता है। हमें पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ स्पोटर्स की गतिविधियो को भी आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय मनीषियों ने कहा कि जितने भी धर्म के साधन है, वे हमारे स्वस्थ्य शरीर से ही सम्भव हो पायेंगे, इसलिए अपने शरीर को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखना होगा, इसके लिए भी सरकार कार्य कर रहीं है। सरकार हर जनपद में एक स्टेडियम, हर विकास खण्ड में एक मिनी स्टेडियम एवं हर ग्राम पंचायत में खेल का मैदान व ओपेन जिम का निर्माण करने का कार्य कर रहीं है। पुरूष मंगल दल एवं महिला मंगल दल को स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराया जा रहा है, इन सभी गतिविधियां के साथ स्कूल कॉलेजों को भी जोड़ना पड़ेंगा, सांस्कृतिक गतिविधियों को भी मंच देना पड़ेगा। यहॉ पर छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किये गये सांस्कृतिक कार्यक्रम-स्वागत गीत, कौशाम्बी की परम्परा से सम्बन्धित गीत एवं राष्ट्रगीत बहुत ही अच्छे भाव के साथ गाया गया, और कितनी अच्छी उनकी ट्रेनिंग थी, इससे यही निकलता हैं कि प्रतिभा को मंच चाहिए। हम मंच प्रदान करेंगे तो नई प्रतिभायें आगे आयेंगी और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से शिक्षा के प्रति सम्वेदनशील होकर कार्य कर रहीं हैं। हम सबका मानना है कि एक सशक्त समाज और समर्थ्य राष्ट्र की आधारशिला शिक्षा ही दें सकतीं है और शिक्षा के लिए जो भी प्रयास समाज और सरकार द्वारा होंगे वे कभी व्यर्थ नहीं जायेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि महेश्वरी प्रसाद इण्टर कॉलेज के विकास से जुड़ी हुई, समस्या, आलमचन्द्र या कौशाम्बी से जुड़ी हुई समस्या शिक्षा या सरकार से जुड़ी हुई जो भी समस्या होगी, उसका पूरी तरह से समाधान करने के लिए सरकार सम्वेदनशील होकर सहयोग करने का कार्य करेंगी।  

मा0 न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायायल विक्रमनाथ श्रीवास्तव ने कहा कि यह विद्यालय जो आप देख रहें है, यह विगत 60 वर्ष की मेहनत का परिणाम है। 1964 में इस विद्यालय की स्थापना की गई थी, उस समय यहॉ पर कोई भी विद्यालय नहीं थां। प्राथमिक विद्यालय के रूप में इस विद्यालय की स्थापना हुई। धीरे-धीरे आज यह इण्टर कॉलेज तक पहुॅचा है। इस विद्यालय में वर्तमान में 2526 बच्चें पढ़ रहें है। प्रत्येक वर्ष स्व0 देवेन्द्रनाथ श्रीवास्तव जी की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस विद्यालय में पढ़े हुए बहुत से बच्चें विभिन्न पदों पर सेवायें दें रहें हैं।

इस अवसर पर मंत्री जलशक्ति स्वतन्त्रदेव सिंह, सांसद विनोद सोनकर, अध्यक्ष जिला पंचायत कल्पना सोनकर, प्रमुख सचिव गृह व सूचना संजय प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक भानु भाष्कर, पुलिस महानिरीक्षक चन्द्र प्रकाश, जिलाधिकारी सुजीत कुमार, पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहें।

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