लाखों रुपए वसूली करने के बाद श्री राम वाटिका के पहले सरकारी जमीन पर कब्जा कराने का तहसील प्रशासन पर लगा है आरोप।
इसके अलावा भी कोतवाली के सामने सहित मंझनपुर की दर्जनो सरकारी जमीन पर शासन प्रशासन को गुमराह कर तहसील प्रशासन ने करा दिया है अवैध कब्जा।
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के नगर पालिका परिषद मंझनपुर के अंतर्गत मंझनपुर तहसील क्षेत्र की वेशकीमती सरकारी जमीन सुरक्षित नहीं है जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक सरकारी जमीन खाली कराने का निर्देश दे रहे हैं जिन सरकारी जमीनों में पहले कब्जे हो चुके हैं उन्हें खाली कराना तो दूर वर्तमान में खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर बेरोकटोक फिर कब्जे हो रहे हैं लेकिन नगर पालिका परिषद मंझनपुर के अधिकारियों से लेकर तहसील मंझनपुर के अधिकारी तक सरकारी जमीनों को सुरक्षित रखवाने में नाकामयाब साबित हुए हैं दो वर्ष के अन्तराल में नगर पालिका परिषद मंझनपुर क्षेत्र में एक-एक करके दर्जनों सरकारी जमीनों पर अधिकारियों के साठगांठ से कब्जा हो गया है सरकारी जमीनों पर पक्के भवन बन गए हैं तो कहीं टीन सेट डालकर निर्माण कर लिया गया है सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने वाले अधिकारी कब्जा धारकों से साठगांठ कर सरकारी जमीन कब्जा कराने में मशगूल दिखाई पड़ रहे हैं।
नगर पालिका परिषद मंझनपुर के तहसील रोड पर श्रीराम गेस्ट हाउस के पहले मुख्य सड़क पर करोड़ो कीमत की सरकारी जमीन पड़ी थी भू माफियाओं की नजर सक्रिय हुई सरकारी जमीन पर पहले मिट्टी डालकर समतली करण शुरू किया गया मामले की शिकायत तहसील और नगर पालिका से हुई जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से भी शिकायत हुई लेकिन राजस्व लेखपाल ने यह कहकर मामले को टाल दिया की जमीन कब्जा नहीं होगा देखते-देखते जमीन पर पक्के पिल्लर लगा दिए गए उसके बाद टीनसेट डाल दिया गया टीन सेट डालने के बाद वहां पर लोहे की गुमटियों का निर्माण कराया जाने लगा मामले की फिर शिकायत हुई तहसील प्रशासन ने टीन उतरवा दिया लेकिन मौके पर ढांचा खड़ा रह गया कुछ महीने तक माफियाओं से अधिकारियों का लुका छुपी का खेल चलता रहा लेकिन माफियाओ पर मुकदमा दर्ज कराकर गिरफ्तारी करते हुए पूरी सरकारी जमीन पूर्व की स्थिति पर बहाल नहीं की गई सरकारी जमीन पर भू माफिया का कब्जा बहाल रहा।
साठगांठ और अंधेर गर्दी की हद तो तब हो गई जब तहसील प्रशासन ने जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को झूठी सूचना भेज दी कि उसने सरकारी जमीन खाली करा दी है जबकि तहसील प्रशासन द्वारा जिला अधिकारी और मुख्यमंत्री को भेजी गई यह सूचना पूरी तरह से झूठी है मौके पर सरकारी जमीन पर कब्जा बरकरार है दर्जनों लोग मौके पर गोमटिया खोलकर बैठे रहते हैं मामले में लेखपाल से लेकर के तहसीलदार तक की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन सरकारी जमीन कब्जा हो जाने के बाद अब शासन प्रशासन भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है आखिर सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में कब तक अधिकारियों का यह लुकाछिपी का खेल चलता रहेगा सरकारी जमीन पर कब्जा कराने वाले अधिकारियों को चिंतित करना होगा यह सरकार की संपत्ति के विरोधी हैं सरकारी जमीन पर कब्जा कराने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर इन पर मुकदमा दर्ज कराकर इनकी गिरफ्तारी कराकर इनको सरकारी नौकरी से बर्खास्त करते हुए सरकारी जमीन सुरक्षित करने की जरूरत है इतना ही नहीं भू माफियाओं पर भी मुकदमा दर्ज करा कर सरकारी जमीन खाली कराए जाने की जरूरत है जिले की आम जनता जिला अधिकारी और मुख्यमंत्री से जवाब चाहती है कि क्या श्री राम गेस्ट हाउस के बगल में मुख्य रोड पर सरकारी जमीन कब्जा करने वाले माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कराकर उनकी गिरफ्तारी कराई जाएगी और माफियाओं को जमीन कब्जा कराने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उन पर मुकदमा दर्ज कराकर उनकी गिरफ्तारी कराते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा या फिर योगी सरकार के बुलडोजर व्यवस्था पर सब कुछ केवल ड्रामेबाजी तक सीमित रहेगा यह योगी सरकार के अधिकारियों की निष्पक्ष कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा हो गया है।
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