जनपद के 06 विकास खण्डों में 10 फरवरी से चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान।
संवाददाता करन कुमार विश्वकर्मा
प्रतापगढ़। आपको बता दें कि जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कल सायंकाल कैम्प कार्यालय के सभागार में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न हुई। साथ ही आपको बताते चलें कि बैठक में बताया गया कि आईडीए अभियान के तहत जनपद के 06 विकास खण्डों में क्रमशः आसपुर देवसरा, कालाकांकर, शिवगढ़, मानधाता, पट्टी व सदर में दिनांक 10 फरवरी से 28 फरवरी 2024 तक राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलेगा जिसमें फाइलेरिया रोधी दवा एल्बेन्डाजॉल, डाईइथाइल कार्बामजीन (डीआईसी) और आइबरमेक्टिन खिलायी जायेगी।
दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गम्भीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को यह दवा खिलायी जायेगी। इसके अलावा आपको बता दें कि जनपद के 06 विकास खण्डों में 1223981 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। आई0डी0ए0 कार्यक्रम में 980 टीमें, 1960 ड्रग एडमिनिस्टेट्रर्स तथा 165 पर्यवेक्षक लगाये जायेगें। जनपद को डी0आई0सी0 के 3163824, एल्बेन्डाजॉल की 1282448 तथा आइबरमेक्टिन की 3206120 की गोलियॉ आवंटित की गयी है। रैपिड रेस्पांस टीमों की 06 है। बैठक में बताया गया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होता है। फाइलेरिया के लक्षण हाथ व पैर में सूजन व हाइड्रोसील है। फाइलेरिया के फैलने की मुख्य वजह मच्छर है इसलिये उनसे बचाव करना जरूरी है। इसके अलावा फाइलेरिया से बचाव हेतु वर्ष में एक बार दवा अवश्य खायें। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि शत प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर फाइलेरिया रोग के नियंत्रण और इसके बचाव हेतु लोगों को जागरूक करें। उन्होने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं स्वयंसेवी समूहों के सहयोग से दवा का सेवन कराया जाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत सेहारा, मुख्य चिकित्सधिकारी डा0 जी0एम0 शुक्ला, प्रभारी चिकित्साधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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