पशुओं को शीत लहर से कैसे बचाया जा सकता है आईए जानते हैं कुछ नुस्के
मौजूदा समय में पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है। केवल इंसान ही नहीं, बल्कि पशु भी परेशान हैं। पशुपालन विभाग द्वारा शीतलहर से पशुओं के बचाव हेतु सभी जिलों के लिए सलाह जारी की है इसके अलावा विभाग ने पशु चिकित्सकों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
पशुपालन विभाग के सलाह में बताया गया है कि शीतलहर में पशुओं के शरीर का तापमान कम हो जाता है। और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, इसके अतिरिक्त खांसी व निमोनिया जैसी बीमारियां होने लगते हैं, जिसके कारण पशु खाना-पीना छोड़ देते हैं। और दुध उत्पादन कम कर देते हैं। शीत लहर से बचाव करके इन बिमारियों से बचा जा सकता है।
पशुओं को उचित खुराक गुड़ व मिनरल मिश्रण अवश्य दें। पशुओं को धूप निकलने पर ही बाहर निकलें। शीत लहर से बचाव के लिए सभी पशुओं को कृमिनाशक दवाइयां दें। पशुओं को नियमित तौर पर गुड़ व खनिज मिश्रण देते रहें। पशुओं को बैठने का स्थान को सूखा रखें। पशुओं के टीन सेंड को परली से ढंक कर रखें।
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