क्या रावण के ऐतिहासिक मंदिर में भी भगवान राम आएंगे
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में बिसरख नाम का एक प्रसिद्ध गांव है। इस गांव में रावण का मंदिर स्थापित है। बिसरख गांव के ग्रामीणों का मानना है कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के इसी गांव में रावण का जन्म हुआ था। बिसरख के ग्रामीण रावण को अपना पूर्वज मानकर रावण की पूजा करते हैं। बिसरख गांव में रावण का मंदिर भी बना हुआ है। इस मंदिर में सीमेंट के द्वारा रावण तथा उनके पूरे परिवार की मूर्तियां उकेरी गई हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में हुई भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में रावण के मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई। मूर्ति की स्थापना से पूर्व पूरे बिसरख गांव में भगवान राम की शोभा यात्रा निकाली गई। यह पहला अवसर था कि जब बिसरख गांव में भगवान राम की विधिवत पूजा-अर्चना की गई है।
बता दें कि ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में कभी भी रामलीला नहीं होती है। बिसरख के ग्रामीण कभी भी दशहरा के अवसर पर रावण का पुतला नहीं जलाते हैं। इस गांव के ग्रामीणों की मान्यता है कि रावण का जन्म उन्हीं के गांव बिसरख में हुआ था। बिसरख गांव में रावण का एक पौराणिक मंदिर स्थापित है। रावण के मंदिर में लम्बे अर्से से पुजारी की जिम्मेदारी निभा रहे रामदास ने चेतना मंच को बताया कि रावण के मंदिर में 22 जनवरी को भगवान राम तथा पूरे राम परिवार की मूर्तियां स्थापित कर दी गई।
मंदिर कमेटी तथा बिसरख गांव के नागरिकों ने एकजुट होकर भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की है। बिसरख गांव को रावण की जन्मभूमि मानने वाले पुजारी रामदास ने यह भी बताया कि जल्दी ही इस पौराणिक मंदिर में रावण की एक बड़ी मूर्ति की भी स्थापना की जाएगी। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के रावण के मंदिर में राम की मूर्ति की स्थापना करना पूरे नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है। कुछ भक्त इसे उचित कदम बता रहे हैं तो कुछ भक्तों का कहना है कि राम तथा रावण की एक साथ पूजा ना तो उचित है और ना ही यह किसी भी दृष्टि से सही है।
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