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जन कल्याण समिति व जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक हुई सम्पन्न

जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति चित्रकूट एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के साथ बैठक का आयोजन किया गया

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी/मंझनपुर विकास भवन सरस हाल मंझनपुर में जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति चित्रकूट एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को बाल विवाह, बाल श्रम एवं बाल यौन तस्करी से मुक्त करना/ करवाना है जिसके तहत जिले के ८० ग्राम पंचायतो से आगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा कार्यकत्रीओ ने बैठक में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में जिले से सुशील कुमार CDPO, अजीत कुमार PO, यूनिसेफ से अरविन्द पाण्डेय, जवाहरलाल यादव BEO, मालती देवी परामर्शदाता एवं संस्था जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति से परियोजना प्रबंधक मुदित मिश्र और परामर्शदाता राकेश द्विवेदी जी उपस्थित रहे। सुशील कुमार जी के द्वारा संस्था के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो का उल्लेख करते हुए आये हुए सभी प्रतिभागियों से कहा कि उनके क्षेत्र में यदि कही बाल विवाह हो या हो रहा है या बाल श्रम किसी बच्चे से करवाया जा रहा हो तो निःशुल्क नंबर १०९८ पर तत्काल सूचना दे और अपने आस पास के समाज को बाल विवाह एवं बाल श्रम से मुक्त बनाने में अपना अहम् योगदान दे जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री अजीत कुमार जी आये हुए प्रतिभागियों को बताया कि आज भी समाज कई वर्गों में बाल विवाह करवाया जा रहा है एवं नाबालिग बालको से जिनकी उम्र केवल विकास एवं शिक्षा के लिए है से बाल श्रम करवाया जा रहा है जिस पर अंकुश लगाने के सरकार के द्वारा कई प्रकार के प्रयास किये जा रहे है यद्यपि तमाम प्रयासों के बावजूद भी बहुतायत बाल विवाह एवं बाल श्रम बालको से करवाया जा रहा है। अजीत जी ने बताया कि जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति इस कुप्रथा के खिलाफ अभियान चला रही है जिसमे आप लोग अपना सहयोग लोगो में बाल विवाह एवं बाल श्रम के प्रति जगुरुकता फैला कर सुनिश्चित करे। कार्यक्रम में आये हुए यूनिसेफ से अरविन्द कुमार पाण्डेय जी बताया की समाज जिस तरह विकाश की ओर अग्रसर हैं उस प्रकार से हम आज भी पुरानी प्रथाओ एवं मानसिकता से उबर नही पा रहे है और जिसके चलते आज भी ऐसा घटित हो रहा हैं। समाज मे ऐसे भी वर्ग हैं जहाँ आर्थिक समस्या को कारण बताया जाता हैं तो कही पर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होना भी एक अहम कारक के रूप में हैं। उस उम्र जहा पर लड़किया न तो शारीरिक तौर और न ही मानसिक स्तर पर परिपक्व हो पाती हैं उस कम उम्र में लडकियों का विवाह कर दिया जाता हैं। इस स्थिति में लड़की का शारिरिक, मानसिक दोनों स्तर पर शोषण होता हैं l कार्यक्रम में संस्था के परियोजना प्रबंधक मुदित मिश्र ने आये हुए प्रतिभागियो को बताया कि संस्था किस प्रकार से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत को बाल विवाह से मुक्त बनाने का प्रयास कर रही है l संस्था जनपद के 3 ब्लाक के ५० ग्राम पंचायत में ग्रामीण स्तर पर, विद्यालय के साथ, छोटे-२ जन समूहों के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंच बनाकर बाल विवाह, बाल श्रम एवं बाल तस्करी जैसे मुद्दे पर लोगो को जागरूक एवं मानसिक स्तर पर शाशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। बाल विवाह, बाल श्रम, शोषण, तस्करी जैसी बुराई को दूर करने एवं लोगो जागरूक करने के जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति अपने सहयोगी कार्यकर्ताओ के साथ प्रत्येक दिन बाल विवाह, बाल श्रम एवम बाल तस्करी जैसे संवेदनशील मुद्दों के खिलाफ अभियान के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर जहा पर बाल विवाह, बाल श्रम जैसी घटना अभी भी घट रही हैं लोग ऐसा न करें या न कर पाए के लिए इस कार्यक्रम को प्रतिदिन कई गाँवो मे कई स्थानों पर आयोजित किया जाता हैं। संस्था से काउन्सलर राकेश द्विवेदी जी ने बताया की बाल विवाह एवं बाल श्रम जैसी समस्या केवल अशिक्षा, बेरोजगारी के कारण ही समाज मे यह कुप्रथा का चलन अब भी बरकरार हैं। अभी भी समाज के कुछ वर्ग ऐसे भी हैं जहाँ पर परिवार धन होता हैं इस तरह मे बच्चो की संख्या अधिक होने के कारण उनका आर्थिक स्थिति खराब हो जाती हैं। इस प्रस्थिति में बालको से बाल श्रम करवाया जा रहा हैं। वास्तव में देखा जाए तो हर समस्या घूमकर शिक्षा पर आती हैं यदि हमारा समाज शिक्षित होगा तो इस प्रकार की समस्याओं का बहुत हद तक निवारण हो सकेगा l बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है यदि ऐसा कही हो रहा हैं तो उस नाबालिग किशोर या किशोरी का बचपन, शिक्षा का हनन एवं शारीरिक एवं मानसिक शोषण हीं होता हैं क्योंकि जिस उम्र मे इनको सही शिक्षा एवं उचित पोषण की आवश्यकता होती है उस उम्र मे विवाह करना कानूनन अपराध हैं। यदि ऐसा हमारे आसपास कही हो रहा तो हम सब 1098 निः शुल्क नबर सूचना दे सकते हैं। इस प्रकार के प्रयास से हम सब किशोर एवम किशोरियों के बचपन को बचा सकते है तथा उनके जीवन को नया आयाम देना का प्रयास कर सकते है। इसके लिए समाज का हर तबके को जागरूक एवं शाशक्त बनाना होगा तब जाकर हम सब इस समाज को बाल विवाह, बाल श्रम एवं बाल तस्करी जैसी कुप्रथा से सुरक्षित कर पाएंगे और साथ मे इस पर अकुश लगा पाएंगे। ये प्रयास हमारा दायित्व हैं इसको ध्यान मे रखना पड़ेगा तब जाकर हम सब अपने समाज के नवनिहालो के बचपन को सुरच्छित कर पाएंगे। बैठक के अंत में CDPO सुशील कुमार जी के द्वारा आये हुए प्रतिभागियों को सपथ दिलाई गई एवं बाल बाल विवाह न करे या कही पर बाल विवाह हो रहा है तो उसमे भाग न लेकर उसका वहिष्कार करे और उसकी सूचना 1098 पर दे l जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति एवम कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन का एक मात्र लक्ष्य है कि भारत को बाल विवाह, बाल श्रम एवम बाल तस्करी मुक्त भारत बनाना है।

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