वाद दाखिल करने के बाद पंचो के सामने वापस लिया ससुरालियों से सारा दहेज, विवाहिता ने ससुराल में लड़ाई झगड़ा कर पति से विवाह विच्छेद के लिए न्यायालय में किया वाद दाखिल, 68 वर्षीय वृद्ध को जबरन घर में घुसकर कर रही है कलंकित और जान से मारने की दे रही है धमकी
उत्तर प्रदेश कौशांबी करारी थाना क्षेत्र के बभनपुरा गांव निवासी रामखेलावन सरोज पुत्र स्वर्गीय रामदुलारे अपने बेटे संजीव कुमार का विवाह 12 /5/ 2018 में करिश्मा देवी पुत्री सुरेश कुमार निवासी गांव पचंभा छोटा थाना करारी जनपद कौशांबी के साथ किया। शादी के बाद कुछ दिन तक ठीक-ठाक रहा परंतु कुछ दिन बाद करिश्मा देवी ने परिवार में लड़ाई झगड़ा करते हुए माननीय न्यायालय में 13 हिंदू विवाह अधिनियम का वाद दाखिल किया पीड़ित के पुत्र ने जवाब दिया तो माननीय न्यायालय ने कहा कि जब दोनों पक्ष तलाक के लिए राजी हो तो धारा 13 बी हिंदू विवाह विच्छेद अधिनियम दाखिल कीजिए इस पर करिश्मा देवी और पीड़ित के पुत्र द्वारा सशपथ द्वारा 13 बी माननीय प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय जनपद कौशांबी में दाखिल किया वाद दाखिल करने के बाद करिश्मा देवी व उसका पिता आस पास संभ्रांत लोगों को बुलाकर पंचायत किया और पंचायत में तय किया कि 225000 नगद एवं सारा दहेज का सामान वापस करे मैं सुलानामा लगा दूंगा।
जिसमें से 135 000 चेक संख्या 770166 पंजाब नेशनल बैंक शाखा मंझनपुर का दिया गया और₹10000 व ₹7000 का नगद दिया गया तथा तलाक प्रमाण पत्र मिलने के बाद 125000 रुपए शेष देना अंकित किया गया। जिसका साक्ष्य मौजूद हैं।जिसमें न्यायालय द्वारा दिनांक 7/8/2023 की तारीख समझौता न्यायालय में भेजा गया जिसमें न्यायालय द्वारा दिनांक 7/8/2023 को दोनों पक्षों को समझौता के लिए न्यायालय कहा गया और तीन बार पेसी हुई लेकिन दोनों पक्ष समझौता पर राजी नहीं हुए दिनांक 7/ 8 /2023 को माननीय प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय जनपद कौशांबी में थी और इस तारीख को 125000 रुपए और तलाक नामा प्रमाण पत्र मिलने के बाद देना था लेकिन करिश्मा देवी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुई और सीधे उसी दिन लोगों के कहने पर पीड़ित के घर के बरामदे में जाकर घुस गई और रहने लगी।
इसके संबंध में पीड़ित के पिता द्वारा थाना अध्यक्ष करारी व पुलिस अधीक्षक कौशांबी व अपर पुलिस अधीक्षक कौशांबी व माननीय मुख्यमंत्री महोदय व माननीय प्रधानमंत्री व मानव आयोग व अन्य उच्च अधिकारियों को अवगत कराया और कई कई बार प्रार्थना पत्र दिया कि जब तक माननीय न्यायालय में मुकदमा चल रहा है करिश्मा देवी को मेरे घर से निकाल कर बाहर किया जाए लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और जोर जबरदस्ती से रहने लगी पीड़ित की पत्नी द्वारा न्यायालय सिविल जज कौशांबी के न्यायालय में एक परिवार दाखिल किया गया जिसमें करिश्मा देवी आदि बनाम सांवरिया देवी न्यायालय में विचाराधीन है।125 / 2020 धारा 452/ 323/ 504 /506 /427/ का वाद दाखिल किया गया जों न्यायालय में विचाराधीन है। दिनांक15 /2 2024 को समय करीब सुबह 9:00 बजे पीड़ित व पीड़ित की पत्नी को करिश्मा देवी भद्दी भद्दी गालियां व जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट करने पर आमदा हो गई जिस पर पीड़ित के पुत्र ने विरोध किया तो करिश्मा देवी पीड़ित के पुत्र को चाकू लेकर दौड़ा लिया पीड़ित के पुत्र ने पकड़ा तो पीड़ित के पुत्र के बाएं हाथ में चाकू की चोट लगी तथा इसके बाद करिश्मा देवी ने ईट पत्थर व डंडा चलाने लगी जिससे पीड़ित के पुत्र के शरीर व बाजू में व घुटनों में चोटें आई इस संबंध में पीड़ित के पुत्र संजीव कुमार ने थाना करारी में उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र दिया।
पुलिस अधीक्षक व मुख्यमंत्री महोदय एवं प्रधानमंत्री महोदय को एक प्रार्थना पत्र लिखित दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई ऐसी दशा में करिश्मा को यदि मेरे घर से न निकला गया तो कोई अप्रिय घटना घट सकती है उपरोक्त घटना को लेकर उसी दिन करिश्मा देवी ने एक झूठा प्रार्थना पत्र थाना करारी में दिया कि उसके ससुर ने उसकी इज्जत लूटने की कई बार कोशिश कर चुका है सफल न होने पर अब 68 वर्षीय वृद्ध के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगा रही है पीड़ित की बहू अभी छेड़खानी का मुकदमा कायम करवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। यदि पीड़ित की बहू को पीड़ित के घर से नहीं निकला गया तो किसी दिन वृद्ध और वृद्ध के परिजनों के विरुद्ध साजिश रच कर बलात्कार लिखवाने के लिए तैयार हो जाएगी और पीड़ित व उसके परिवार को जान से मरवा देगी।
अब सवाल यह उठता है कि विवाहिता जब अपने ससुरालयों पर लड़ाई झगड़ा कर स्वयं न्यायालय में विवाह विच्छेद के लिए वाद दाखिल किया और वाद दाखिल करने के बाद स्वयं अपने पिता के साथ बैठक कर ससुरालियों से कई पंचों के सामने अपना सारा सामान ले लिया जिसका सुलह समझौता का प्रमाण पत्र साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत है जिसमें कई लोग अपना हस्ताक्षर बनाए हुए हैं और सुलह समझौता के तहत चेक के तहत 135000 दिया गया और कुछ पैसे नगरदी के रूप में दिया और शेष धनराशि न्यायालय से विवाह विच्छेदन का प्रमाण पत्र मिलने के बाद एक लाख पच्चीस हजार रुपए देना बाकी है जिसका साक्ष्य प्रस्तुत है इसके बावजूद भी विवाहिता ने 7/ 8./2024 शाम लगभग 8:00 बजे जबरन घर में घुसकर पीड़ित के बरामदे में रहने लगी और 68 वर्षीय वृद्ध पर कलंक लगाते हुए थाना करारी को एक प्रार्थना पत्र दिया और कुछ समाचार पत्र ने इसे छापा जो झूठ और सत्य है इसका प्रमाण यह है कि विवाहिता ने स्वयं विवाह विच्छेद के लिए न्यायालय में वाद दाखिल किया है और सुलह समझौते के तहत सारा दहेज का सामान लेकर सुलह समझौता किया है सुलह समझौता होने के बाद अब विवाहिता का ससुरालयों पर किसी तरह का आरोप लगाना असत्य और निराधार है।यह मात्र ससुराली जनों को डरा-धमका और झूठे मुकदमे में फंसाकर अधिक पैसा लेना चाहती है।
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