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जांच टीम पर ही लगे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने के आरोप।

वायरल वीडियो में जांच करने आई टीम ने गेट बंद कर की जांच। वायरल वीडियो में फंसने वाले प्रधानाध्यापक ने अपने बचाव के लिए पत्रकार पर ही लगा डाले आरोप

फ़िल्मी दुनिया में एक गाना है कि कोरे कागज पर लिखवा लो नीचे दस्तखत करवा लो उसी गाने को टहरौली में चरीतार्थ कि गया है ।यह हम नही कह रहे है यह सब पीड़ित छात्र मीडिया को अपनी आपबीती सुनाकर बता रहे है । अभी आप लोगों ने टहरौली के आदर्श जन प्रिय इंटर कॉलेज में छात्र छात्राओं से प्रोजेक्ट फाइल एवं प्रवेश पत्र के नाम पर अवैध रूप से वसूली के वायरल वीडियो तो देखे होंगे इस वायरल वीडियो पर जब अधिकारियों ने संज्ञान लिया तो टीम गठित कर जांच के लिए भेजा लेकिन टीम पर ही गंभीर आरोप लगाते हुए नजर आए वही खबर चलाने से बौखलाए प्रधानाध्यापक ने पत्रकार पर ही आरोप लगा डाले।

झांसी जिले में लगातार शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है उसी प्रकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए तमाम प्रयास किया जा रहे हैं लेकिन शिक्षा व्यवस्था जस का तस बना हुआ है यह सब हम इसलिए कह रहे हैं वायरल वीडियो में जांच करने आई टीम पर ही छात्र-छात्राओं ने फिर से आरोप लगा डाले छात्रों ने यह लगाए आरोप की छात्र-छात्राओं द्वारा जो कुछ बताया गया वह सुना तो जरूर है लेकिन बिना लिखे ही कोरे कागज पर छात्र-छात्राओं के दस्तक करवा लिए इसीलिए फिल्मी दुनिया का यह गाना यहां चरितार्थ हो रहा है। दर्शन छात्र पुनीत, मोनू, प्रिंस बंकर, प्रिंस कुमार, सोनू आदि छात्रों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जांच टीम से बात करने के लिए बुलाया गया था लेकिन जांच टीम ने और स्कूल के शिक्षकों द्वारा कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए ना की छात्र-छात्राओं की आप बीती सुनी।

बाइट: स्कूली बच्चे।

जब जांच टीम से आए अधिकारियों से बात की तो जांच टीम के अधिकारियों ने आरोपी को नकारा और कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने से इनकार कर दिया और वही जांच प्रचलित होने का हवाला दिया। और बताया कि प्रोजेक्ट फाइल का निरीक्षण किया लगभग सभी बच्चों ने प्रोजेक्ट फाइल जमा की है तो सवाल तो यही खड़ा होता है कि जब सारे बच्चों ने प्रोजेक्ट फाइल जमा की है तो पैसे किस बात के लिए जा रहे थे हालांकि वायरल वीडियो कि हमारे द्वारा पुष्टि नहीं की जाती है लेकिन दोषियों पर कार्रवाई होना अति आवश्यक भी है।

बाइट: जांच अधिकारी।

जब पूरे मामले में प्रधानाध्यापक सुनील शर्मा से बात की तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए खुद को बचाते हुए वीडियो को ही झूठ बताने का प्रयास किया लेकिन जब हमारी टीम द्वारा वीडियो का बार-बार जिक्र किया तब उन्होंने दो शिक्षकों को हटाने की बात कही है साथ ही जब प्रधानाध्यापक खुद पूरे मामले में फसते नजर आए तो खबर चलाने वाले पत्रकार पर ही गंभीर आरोप लगा डालें और पत्रकार पर साजिश करने का भी आरोप लगाया है लेकिन सवाल तो यही खड़ा होता है कि जब खुद भ्रष्टाचार में लिफ्ट प्रधान अध्यापक एक पत्रकार पर आरोप लगा सकते हैं तो वही छात्र-छात्राओं पर दबाव क्यों नहीं बना सकते यह तो सवाल यह निशान खड़ा करता है उसी प्रकार जब वायरल वीडियो की बात की तो उन्होंने 2021 का वीडियो होना बताया है जिसमें यह लगता है कि लगातार कई सालों से यहां भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर रहा है जब 2021 में यह भ्रष्टाचार की बातें की जा रही है तो आप भी समझ सकते हैं कि लगातार भ्रष्टाचार होता ही रहा होगा।

बाइट सुनील शर्मा।

अभी आपने सुनील शर्मा को सुना है और छात्र-छात्राओं को भी सुना जाता अधिकारी को भी सुना आखिर दोनों के आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है अगर वीडियो सही है तो ऐसे भ्रष्ट शिक्षक कर्मचारियों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

संवाददाता अनिल कुशवाहा

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