फिजूलखर्ची एवं बिना दहेज के संपन्न हुआ दो जोड़ो का विवाह
प्रयागराज : संत इस धरा पर परमार्थ के लिए अवतरित होते हैं, वो अपना पूरा जीवन परमार्थ के लिए लगा देते हैं। संत रामपाल जी महाराज एकमात्र ऐसे संत है जो समाज की भलाई के लिए सभी सामाजिक बुराईयों जैसे दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, आदि को अपने आध्यात्मिक ज्ञान से दूर कर रहे हैं।
उन्ही परम संत के सानिध्य में सोरांव तहसील के पास स्थित उसरही ग्राम के राम जानकी गेस्ट हाउस में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में मासिक सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमें प्रयागराज जिले के अलावा अन्य जिलों के साथ साथ मध्य प्रदेश व राजस्थान से भी सत्संग सुनने व इस अदभुद विवाह को देखने के लिए आए।
संत रामपाल जी महाराज जी एलईडी के माध्यम से चल रहे सत्संग में कहा की वेद बताते हैं पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति से रोगियों के रोग नाश होते हैं।
सतभक्ति करने वाले की अकाल मृत्यु नहीं होती जो मर्यादा में रहकर साधना करता है। सतभक्ति करने से जीवन सुखी हो जाता है। पापों से बचाव होता है, गृह क्लेश भी समाप्त हो जाता है। जो माता पिता सतभक्ति करते हैं फिर उनके बच्चे उनकी विशेष सेवा किया करते हैं। भूत-प्रेत, पित्तर-भैरव-बेताल जैसी आत्माऐं सतभक्ति करने वाले परिवार के आसपास नहीं आती। देवता उस भक्त परिवार की सुरक्षा करते हैं। सतभक्ति करने से नशा अपने आप छूट जाता है।
शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशे के प्रति घृणा हो जाती है। सतभक्ति करने से मानव जीवन सफल हो जाता है। परिवार में किसी प्रकार की बुराई नहीं रहती। परमात्मा की कृपा सदा बनी रहती है।पूर्ण सतगुरू से दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से शुभ संस्कारों में वृद्धि होने से दुःख का वक्त सुख में बदलने लग जाता है। सतभक्ति करने से शरीर स्वस्थ रहता है और भक्ति के प्रभाव से परिवार अपने-आप आदर करता है।
आपको बताते चले कि सत्संग के दौरान हुए विवाह में प्रयागराज के रहने वाले गजेंद्र दास की पुत्री श्वेतांजलि दासी का विवाह सिंधी जिला, म. प्र. के रहने वाले धर्मदास के पुत्र अमित दास के साथ एवं राधेश्याम दास की पुत्री जुली दासी के साथ सीधी जिला, म. प्र. के रहने वाले भगवान दास के पुत्र रविनंदन दास के साथ संपन्न हुई।
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