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सीएम के निर्देश पर शुरू हुई पटाखा फैक्ट्री मौत की जांच बनी औपचारिकता

 पटाखा फैक्ट्री विस्फोट के बाद पटाखा फैक्ट्री से कितना बरामद हुआ बारूद के सवाल पर निरुत्तर है अफसर

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे में 10 दिन पहले पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद लाशों के ढेर लग जाने के मामले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया मुख्यमंत्री ने टीम गठित कर पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिया मुख्यमंत्री के निर्देश पर पटाखा फैक्ट्री की जाच शुरू हुई विस्फोट के बाद भी दर्जनों पटाखा फैक्ट्री जिले में अवैध तरीके से संचालित हो रही है कई दिन बीत जाने के बाद भी अवैध पटाखा फैक्ट्री के संचालन में दोषी अधिकारियों की चिन्हित नहीं किया जा सकता है अभी तक किसी दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई है जिससे जांच टीम की लचर व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है जिले के पश्चिमी छोर से लेकर पूर्वी छोर तक और उत्तरी छोर से लेकर दक्षिणी छोर तक विभिन्न कस्बो में अवैध पटाखा फैक्ट्री का संचालन हो रहा है जहां भारी तादाद में बारूद का भंडारण है पटाखा फैक्ट्री की जांच के लिए अफसर की टीम पूरे दिन सड़क पर घूम रही है लेकिन हकीकत में उसकी जांच मुख्यमंत्री को गुमराह कर महज औपचारिकता तक सीमित रह गई है 5 दिन से शुरू हुई पटाखा फैक्ट्री की जांच में अभी तक उसे बारूद नहीं बरामद हो सका है जबकि कई दर्जन पटाखा फैक्ट्री अवैध तरीके से चल रही है जिनमें बड़ी तादाद में बारूद का भंडारण है।

पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस दिए जाने की बात पर प्रत्येक विभाग के अफसर का कहना कि जिला अधिकारी द्वारा लाइसेंस दिया गया लेकिन पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय के एक्सक्लूसिव विभाग द्वारा दिया जाता है जिला अधिकारी को लाइसेंस दिए जाने का कानून में कहा नियम है इसके सवाल पर भी अफसर निरूत्तर हो जाते हैं भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा एक्सक्लूसिव लाइसेंस दिए जाने के नियम के बावजूद जिले में कई दर्जन पटाखा फैक्ट्रियां अवैध तरीके से बीते कई वर्षों से संचालित हो रही है स्थानीय थाना पुलिस चौकी पुलिस श्रम विभाग अग्निशमन विभाग उद्योग निदेशालय के साथ- साथ तहसील के अधिकारियों की भूमिका सवालों में है बताया जाता है कि छोटे पटाखा बिक्री का लाइसेंस रिन्यूअल के नाम से पटाखा फैक्ट्री संचालकों से बड़ी वसूली होती है और इसी वसूली की जिंदा रखने के लिए हमेशा पटाखा निर्माण करने वालों को संरक्षण दिया गया जिससे उन्होंने पटाखा बिक्री के साथ नियम विरुद्ध पटाखा का निर्माण शुरू कर दिया है सुरक्षा के व्यापक प्रबंध न होने से लगातार विस्फोट की घटनाएं हो रही है और निर्दोष लोगों की मौत हो रही है अवैध तरीके से संचालित पटाखा फैक्ट्री को बंद कराया जाना होगा निर्दोषों के मौत को रोकना होगा लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू हुई जांच के बाद भी अभी तक ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है पटाखा फैक्ट्री संचालन करने वालों से वसूली के चलते उन्हें बचाने के प्रयास हो रहा है योजना में वसूली में लगे लोगों को चिन्हित करना होगा उन पर कठोर कार्रवाई करनी होगी तब पटाखा फैक्ट्री के संचालक को शासन प्रशासन रोकने में सफल होगा वरना प्रशासन की कार्यवाही की धज्जियां उड़ाने में वसूली में लगे लोग पीछे नहीं रहेंगे।

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