थाना करारी की खुली पोल अपहरण की घटना को गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज किया
उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले में सरकार को यह भरोसा है कि अधिकारी और कर्मचारी गरीबों की फरियाद बड़े ही वरीयता के साथ सुन रहे हैं और निस्तारण भी कर रहे हैं लेकिन जनपद कौशांबी के अधिकारी और कर्मचारी सरकार की मनसा पर पानी फेर रहे हैं ताजा मामला करारी थाना क्षेत्र का है जहां करारी थाना क्षेत्र के एक गांव की एक किशोरी का अपहरण 6 फरवरी 2024 समय लगभग 2 बजे दिन में किशोरी बाजार गई हुई थी तभी इंद्रा नगर करारी नगर पंचायत के पिंटू पासी पुत्र सुख लाल और विश्राम पुत्र भैरव गांव निवासी ढोकसहा थाना कौशांबी ने मिलकर किशोरी का अपहरण कर किशोरी को जबरदस्ती और बर्गला कर गुजरात शहर के पुणे शहर ले गए।
किशोरी के परिजनों ने करारी पुलिस को लिखित तहरीर दी लेकिन करारी पुलिस ने साठगांठ के चक्कर में किशोरी की अपहरण की घटना के बजाय गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर दिया किशोरी के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक कौशांबी से गुहार लगाई तो पुलिस अधीक्षक कौशांबी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए करारी पुलिस को आदेशित किया पुलिस अधीक्षक कौशांबी के आदेश पर करारी पुलिस ने 366 धारा में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।
अब सवाल यह उठता है कि यदि कोई पीड़ित अपहरण का नामजद लिखित तहरीर दे रहा है तो पुलिस उस पीड़ित की तहरीर मिलने के बावजूद भी गुमशुदगी की रिपोर्ट क्यों दर्ज कर रही है यह पुलिस पर एक बहुत बड़ा सवाल उठ रहा है।
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