चिकित्सालयों/नैदानिक स्थापनों के संचालक , जल्द से जल्द कराएं आनलाईन पंजीकरण एवं नवीनीकरण ।
प्रतापगढ़ । आपको बता दें कि मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जी0एम0 शुक्ला ने बताया गया है कि जनपद के 50 या उससे अधिक शैय्या के संचालित चिकित्सालयों एवं नैदानिक स्थापनों के रजिस्ट्रीकरण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसके साथ ही शासनादेश के अनुरूप निर्दिष्अ व्यवस्था के अन्तर्गत पंजीकृत 50 शैय्या उससे अधिक शैय्या के चिकित्सालयों/नैदानिक स्थापनों के पंजीकरण की वैद्यता उनके पंजीकरण तिथि से एक वर्ष की समय सीमा समाप्त होने के उपरान्त स्वतः ही समाप्त हो जायेगी और ऐसी सभी नैदानिक स्थापनों को उक्त तिथि से पूर्व अपने नवीनीकरण द क्लीनिकल इस्टाबलिशमेन्ट (रजिस्ट्रेशन एण्ड रेगुलेशन) एक्ट 2010 के अन्तर्गत कराना आवश्यक होगा। इसके अलावा आपको बताते चलें कि साथ ही साथ यह भी अवगत कराया है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) पोर्टल पर जाकर अपने एचएफआर (हेल्थ फेसीलिटी रजिस्ट्री) तथा एचपीआर (हेल्थ प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री) का रजिस्ट्रेशन कराना सुनिश्चित करें क्योंकि यह व्यवस्था वर्ष 2024 के नवीनीकरण हेतु अनिवार्य हो गयी है। इसके अलावा उन्होने जनपद के समस्त सम्बन्धित चिकित्सालयों/नैदानिक स्थापनों के संचालक से कहा है कि शीघ्र अतिशीघ्र निर्देशों के अनुरूप विभागीय वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण/नवीनीकरण करते हुये प्रारूप के अनुसार समस्त आवश्यक अभिलेख मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करायें। साथ ही उत्तर प्रदेश द क्लीनिकल इस्टाबलिशमेन्ट (रजिस्ट्रेशन एण्ड रेगुलेशन) रूल्स 2016 की धारा 28 (डिस्प्ले ऑफ इनफारमेशन) जो नैदानिक स्थापना के गेट के पास डिस्प्ले किया गया है की सूचना अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें।
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