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जुम्मतुल विदा पर बारगाहे खुदा में झुके रोज़ादारों के सिर-मांगी अमन चैन खुशहाली की दुआ

जुम्मतुल विदा पर बारगाहे खुदा में झुके रोज़ादारों के सिर-मांगी अमन चैन खुशहाली की दुआ, सड़कों पर नमाज़ न होने के कारण कई मस्जिदों में दो शिफ्टों में पढ़ाई गई आखरी जुमा की नमाज।

माहे मुक़द्दस रमज़ान के पच्चीसवें रोज़े पर रमज़ान का चोथा व आखरी जुमा को शहर सहित सभी आस पास के कस्बों में शान्ति और सदभाव के साथ जुम्मतुल विदा की नमाज़ अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ सम्पन्न हुई।सरकार व शासन प्रशासन की हिदायत को ध्यान में रखते हुए चौक जामा मस्जिद ,चक शिया जामा मस्जिद ,रौशन बाग़ शाह वसीउल्ला मस्जिद ,अबुबकर मस्जिद करैली ,धोबी घाट हरी मस्जिद रेलवे स्टेशन की बड़ी मस्जिद के साथ साथ दायरा शाह अजमल की खानकाह ए अजमली , रानीमंडी ,बख्शी बाज़ार , अकबरपुर , रसूलपुर ,अटाला ,दरियाबाद , समदाबाद , रानीमंडी, हटिया , बहादुरगंज ,बरनतला ,शाहगंज , सब्ज़ी मण्डी ,कटरा आदि मस्जिदों के अंदर ही बाजमात नमाज़ अदा कराई गई।दायरा शाह अजमल के सज्जादानशीन अलहाज सैय्यद ज़रार फाखरी के अनुसार रोज़ादारों की सहूलियत को दो बार बाजमात पढ़ाई गई पहली नमाज़ का खुतबा दिन के डेढ़ बजे तो दूसरा खुतबा दिन के ढ़ाई बजे सुनाया गया।करैली की शिया जुमा मस्जिद ए खदीजा जहां बड़ी संख्या में एक साथ हज़ारों लोगों ने एक सफ में मौलाना रज़ी हैदर साहब क़िबला की इमामत मे बाजमात नमाज़ अदा की।मस्जिद के मुतावल्ली हसन आमिर की ओर से मस्जिद में नमाज़ीयों के लिए खास ऐहतेमाम किया गया था।बड़े फुल ऐसी हॉल में मोटी क़ालीन जॉनमाज़ सिजदगाह व तस्बीह का माक़ूल इन्तेज़ाम किया गया था।इसके साथ ही हाल के बाहर मस्जिद प्रांगण में टेन्ट फर्श व पंखे का इन्तेज़ाम था ताकि सड़कों पर नमाज़ न होने की दशा में चक ज़ीरो रोड पर जगहा न मिलने पर अधिक से अधिक नमाज़ीयों की नमाज़ अदा हो सके।उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार सुन्नत जमात की सभी मस्जिदों में जुम्मतुल विदा की नमाज़ तय समय पर अदा की गई तो वहीं शिया समुदाय में चक जामा मस्जिद के साथ करैली में मस्जिद ए खदीजा , दांदूपूर की शिया मस्जिद व सैदाबाद की इबादत गाह व प्रीतमनगर की मस्जिद में जुम्मतुल विदा की विशेष नमाज़ अदा कर देश में अमन चैन, खुशहाली, रोज़ी में बरकत, सेहत ओ सलामती, नेक राह चलने और गुनाहों से माफ करने की बारगाहे खुदावन्दी में हांथ फैला कर दुआ मांगी गई।

अंतरराष्ट्रीय क़ुद्स दिवस पर काली पट्टी बांध कर क़िब्ला ए अव्वल की रिहाई को जुटे शिया नमाज़ी।

क़िब्ला ए अव्वल की इज़राईल की क़ैद से आज़ादी को दुनिया भर के शिया मुसलमानों ने जुम्मतुल विदा पर यौमे क़ुद्स मनाया। बाहों पर काली पट्टी बांध कर भारत सरकार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस ओर ध्यान आकर्षित कराने को पूर्व वर्षों की भांति यौमें क़ुद्स मनाया। ओलमाओं ने कहा इज़राईल में मुस्लिमों का क़िब्ला ए अव्वल है जो इज़राइल के कब्जे में है और उसकी आज़ादी को ही हर वर्ष यौमे क़ुद्स मनाया जाता है।वहीं फलस्तीन में मरे बेगुनाह बच्चों बूढ़ों मांआओं और नौजवानों की मग़फिरत की दूआ के साथ फिलीस्तीन सामानों के बहिष्कार की भी आवाज़ उठी।

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