चित्रकूट के दो गांजा तस्करों को 33 किलो गांजा के साथ पुलिस ने दबोचा, आरोपियों के विरुद्ध पहले से चित्रकूट जनपद के कई थानों में दर्ज है कई धाराओं में मुकदमे
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले के महेवाघाट थाना पुलिस और एसओजी टीम की संयुक्त कार्यवाही में चित्रकूट जनपद के दो गांजा तस्करों को साढ़े 33 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया है गाँजा तस्करो के कब्जे से पुलिस ने एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी बरामद की है पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध लिखा पढ़ी कर उन्हें अदालत में पेश किया है जहाँ से दोनों गांजा तस्करों को जेल भेज दिया गया है बरामद गांजा की कीमत लगभग 8 लाख रुपए बताई जाती है।
जानकारी के मुताबिक चित्रकूट जनपद के रैपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम गड़वारा निवासी शुभम द्विवेदी पुत्र आनन्दी प्रसाद द्विवेदी और बच्ची लाल पुत्र बड़का एक स्कॉर्पियो वाहन में साढ़े 33 किलो गांजा लेकर उसकी सप्लाई करने कौशांबी के किसी गाँजा दुकानदार के यहां जा रहे थे जेसे ही गांजा तस्कर स्कॉर्पियो से यमुना नदी पुल पार करके कौशांबी के महेवाघाट थाना क्षेत्र में प्रवेश किया तो एसओजी पुलिस और महेवा घाट थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से गांजा तस्करों की स्कॉर्पियो को रोक कर जब तलासी ली तो उनके स्कॉर्पियो से 33 किलो 500 ग्राम गांजा पुलिस ने बरामद किया है पुलिस ने बरामद गांजा को अपने कब्जे में ले लिया है और जिस वाहन से गाँजा की तस्करी की जा रही थी उस स्कॉर्पियो गाडी नं0 UP 73 J7200 को भी अपने कब्जे में ले लिया है वाहन कौशांबी के किसी गाँजा माफिया का बताया जाता है पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनो गांजा तस्करों को अदालत में पेश किया है जहा से दोनों गाँजा तस्करों को जेल भेज दिया गया है।
- कौशांबी का गांजा माफिया कौन
महेवा घाट कौशांबी/ चित्रकूट जनपद के दो गाँजा माफियाओं से साढ़े 33 किलो गांजा बरामद होने के बाद सवाल खड़े हो गए हैं कि कौशांबी का वह गाँजा माफिया कौन है जिसे गाँजा पहुंचने चित्रकूट के माफिया स्कॉर्पियो से आ रहे थे गाँजा तो पुलिस ने बरामद कर लिया है लेकिन कौशांबी का वह गाँजा माफिया कौन है उसे बेनकाब करने की जरूरत है यदि कौशांबी के गांजा माफिया को पुलिस ने बेनकाब करने की कोशिश की तो उसके कब्जे से भी बड़ी तादाद में गांजा बरामद हो सकता है।
- आबकारी विभाग के मुँह पर फिर पुलिस ने मारा तमाचा
महेवाघाट कौशाम्बी तीन दिन पहले बड़ी तादात में गांजा बरामद करने के बाद पुलिस ने फिर शुक्रवार को साढे 33 किलो गांजा बरामद किया है लेकिन दोनों बार के गांजा बरामद के मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों की कार्यवाही शून्य साबित हुई है गांजा माफियाओं की कमर तोड़ने की जिम्मेदारी शासन ने आबकारी विभाग के अफसरों को दिया है लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी लगातार गाँजा माफियाओ पर रहमदिली बरत रहे हैं जिससे कौशांबी की धरती पर गाँजा का व्यवसाय तेजी से फल फूल रहा है और आबकारी विभाग गाँजा माफियाओ पर कार्यवाही करने को कतई तैयार नहीं है जिससे आबकारी विभाग के अधिकारियों और गांजा माफियाओं के रैकेट के गठजोड़ के चलते कौशाम्बी में गांजा के व्यवसाय पर रोक नहीं लग रही है लगातार थाना पुलिस द्वारा गाँजा बरामद कर आबकारी विभाग के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा जा रहा है लेकिन फिर भी आबकारी विभाग के अधिकारी सचेत नहीं हो रहे हैं।
महेवाघाट कौशाम्बी जिले की धरती पर गाँजा के बड़े व्यवसाय की जड़ के पीछे एक कथित विधायक की भूमिका महत्वपूर्ण है पर्दे के पीछे से कथित विधायक और उनके गुर्गे गाँजा के व्यवसाय को लगातार अंजाम दे रहे हैं लेकिन कथित विधायक के जेल से लेकर सत्ता तक पकड़ के चलते उस पर पुलिस हाथ डालने का साहस नहीं कर पाती है बताया जाता है कि कथित विधायक और उनके परिवार का कलेक्ट्रेट तक बड़ा दखल है जिससे अधिकारियों को गुमराह करने में कथित विधायक और उनके परिवार हमेशा सफल होता रहा है कथित विधायक के संरक्षण में फलने फूलने वाले गाँजा माफियाओं को बेनकाब करने के साथ-साथ कथित विधायक को भी बेनकाब करने की जरूरत है तभी गाँजा का व्यवसाय बंद हो सकता है।
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