मौसम विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया गया 28 मई से 2 जून तक मौसम विभाग ने बताया कि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस तक जायेगा इसलिए सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक बहुत जरूरी कार्य हो तभी बाहर निकले
उत्तर प्रदेश प्रयागराज जिले में 28 मई से 2 जून तक सुबह 10
बजे से दोपहर 3 बजे तक कोई भी व्यक्ति बाहर (खुले आसमान के नीचे) नही निकलेगा क्योंकि मौसम विभाग ने यह बताया है कि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस तक जायेगा, जिससे अगर किसी भी व्यक्ति को घुटन महसूस हो या अचानक तबियत खराब हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं रूम के अंदर दरवाजा खोल कर रखे ताकि विंटीलेशन ना रहे, मोबाइल का प्रयोग कम करे, मोबाइल फटने की संभावना जताई जा रही है, कृपया सावधान रहें और लोगो को सूचित करें, दही, मट्ठा, बेल का जूस आदि ठंडे पेय पदार्थ का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें।
लू लगना हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है।बंद कर देता है।
जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है ब्लडप्रेशर लो हो जाता है महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन ) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए, और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए इक्विनॉक्स प्रभाव अगले 5 -7 दिनों मे एशिया के अधिकतर भू भाग को प्रभावित करेगा
दोपहर 12 से 3 के बीच ज्यादा से ज्यादा घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें।तापमान 40 डिग्री के आस पास विचलन की अवस्था मे रहेगा यह परिवर्तन शरीर मे निर्जली करण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा ये प्रभाव भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकने के कारण पैदा होता है।
कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 ली0 पानी जरूर पियें। किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी जरूर लें।जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है ठंडे पानी से नहाएं। मांस का प्रयोग छोड़ें या कम से कम करें फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें। हीट वेव कोई मजाक नही है एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है।
शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है। अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें जनहित मे इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें।