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जर्जर बिल्डिंग में चल रही अस्पताल मौत को दे रही दावत

जर्जर बिल्डिंग के बारे में उच्च अधिकारियों को कई बार कराया गया अवगत फिर भी उच्च अधिकारी मौन क्यों 

संवाददाता/संजीत मिश्रा

उत्तर प्रदेश प्रयागराज जिले के श्रृंगवेरपुर ब्लाक अंतर्गत पी एच सी/राजकीय महिला चिकित्सालय आनापुरा स्थित हॉस्पिटल की बिल्डिंग वद से बदतर अस्पताल की बिल्डिंग जर्जर हो गई थी तो महिलाओं को जहां दवा मिलती थी इसी में पुरुषो को भी दवा की व्यवस्था की गई लेकिन जिस स्थान पर मरीज दवा लेने के लिए जाते हैं वर्तमान में जिस बिल्डिंग से मरीज को दवा उपलब्ध कराई जाती है वह बिल्डिंग भी जर्जर कंडीशन में है बारिश में छत से पानी टपकता है बारिश से दवा को बचाने के लिए पन्नी का इस्तेमाल किया जाता है पन्नी से दवा को ढका जाता है ताकि दवा में पानी ना जा सके और दवा नष्ट ना हो गरीबों के लिए सरकार द्वारा जगह-जगह सरकारी अस्पताल की व्यवस्था की गई है लेकिन आनापुर पी एच सी/राजकीय महिला चिकित्सालय की व्यवस्था कुछ इस तरीके की है की दवा लेने से ज्यादा मरीज को इस बात का डर रहता है की कही जर्जर बिल्डिंग है गिर ना जाए इस समय आनापुर पी एच सी की व्यवस्था राम भरोसे चल रही है।

आपको बताते चलें किसी महिला मरीज को अगर बाथरूम करना हो तो पी एच सी में बाथरूम करने की भी व्यवस्था नहीं है बिल्डिंग जर्जर होने के कारण डॉक्टर और वार्ड बॉय अपनी जान हथेली पर रखकर सुबह से शाम तक अपनी ड्यूटी करते हैं हमेशा उन लोगों को डर बना रहता है कि किसी भी टाइम यह बिल्डिंग गिर सकती है और किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है आखिर किसी दिन अगर बड़ा हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा अगर कोई नहीं लेगा तो इस बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है आखिर अपनी जान हथेली पर रखकर डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ कब तक अपनी नौकरी करेंगे वहीं मरीजों को भी डर बना रहता है यह बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है।

आज अचानक कुछ पत्रकार अस्पताल में जांच करने पहुंच गए मौके पर पत्रकारों ने देखा की बिल्डिंग की स्थिति बिल्कुल जर्जर कंडीशन में है यहां पर डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए खतरा बना हुआ है यह बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है बात चीत में पता चला कि उच्च अधिकारियों को यहां की जर्जर बिल्डिंग, और पेयजल की व्यवस्था, एवम लोगों के बाथरूम जाने की व्यवस्था के बारे में कई बार अवगत कराया गया लेकिन आज तक ना तो पेयजल की व्यवस्था की गई ना तो नई बिल्डिंग बनी और ना ही महिलाओं के बाथरूम के लिए कोई व्यवस्था की गई अगर किसी दिन कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा जबकि डॉक्टर द्वारा उच्च अधिकारियों को इसके लिए अवगत कराया जा चुका है फिर भी उच्च अधिकारी मौन क्यों।

कुछ मरीज मौके पर उपस्थित थे जिन्होंने पत्रकार वार्ता में जवाब दिया कि हम लोग इस सरकारी अस्पताल में दवा लेने के लिए डर के आते जाते हैं कि कहीं किसी दिन यह बिल्डिंग जर्जर है गिर ना पड़े सोचने वाली बात यह है की उच्च अधिकारियों तो बी बी आई पी कमरे में रहते हैं तो उनको किसी की जान की परवाह क्यों रहेगी मरीज ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मेरी बातों को प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाए ताकि इस जर्जर बिल्डिंग से अस्पताल को हटाया जा सके और हम लोगों का डर भी खत्म हो जाएगा अब ग्रामीण मरीजों को इंतजार है कि उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेकर कोई कार्यवाही की जाती है या नहीं।

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7k Network

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