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चौकी इंचार्ज पत्रकार को फर्जी मामलों में फसाने के दे रहे धमकी

चौकी इंचार्ज महोदय ने पत्रकार से बत्तमीजी करते हुए कहा की तुमको अंदर और कई मामलों में फंसा देने की धमकी देने लगे।

उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जनपद में कंधई थाना क्षेत्र अंतर्गत साल्हीपुर (मंदाह) चौकी के क्षेत्र में आज दिन में लगभग एक बजे के आस पास प्रेम नगर कांपा में एक मोबाइल चोर जो कि रिक्शा चालक का मोबाइल चुरा कर उसे झंखाल में फेक दिया था उसी समय वहाँ से गुजरती भीड़ ने उस चोर को दौड़ा दौड़ा कर पीटना शुरू किया उसी समय वहाँ से गुजरते हुए पत्रकार ने उन्हें रोकने की कोशिश की जब भीड़ की जबरदस्त उन्माद के सामने पत्रकार ने खुद को विवस पाया तो उसने तत्काल थाना प्रभारी कंधई को सूचना दिया और मामले से औगत कराया जिस पर उन्होंने चौकी इंचार्ज मिथलेश चौरसिया साल्हीपुर (मंदाह) को तुरंत मौके पर पहुँचने का आदेश जारी किया।

आदेश जारी होने के बाद भी आधे घंटे के बाद चौकी इंचार्ज मिथलेश चौरसिया मय हमराह मौके पर पहुँचे और आरोपी को गिरफ्तार कर चौकी पर लाए।

जिसके बाद कुछ ही घंटों में गिरफ्तार चोर आजाद हो कर घूमता हुआ नजर आया जिससे पूछताछ में उसने बताया कि ये तो मेरा रोज का काम है ये जानने के बाद जब पत्रकार चौकी पहुँचा तो वहाँ तैनात सिपाही मुनि पत्रकार से अभद्रता करने लगा गाली गलौज पे आ गया बोला कि मैं चौकी देखता हूँ कि तुम बत्तमीजी करते हुए इसने पत्रकार को अंदर करने और कई मामलों में फंसा देने की धमकी देने लगा मामला बिगडता देख चौकी इंचार्ज मिथलेश चौरसिया ने आ कर बीच बचाव किया और मामले को संभाला।

मामले की जानकारी देने हेतु पत्रकार ने कंधई एसएचओ प्रदीप कुमार को कई बार फोन किया लेकिन उनका फोन नही उठा।

अब सवाल ये उठता है कि जहाँ योगी सरकार पत्रकारों कर सम्मान के लिए रोज दिशा निर्देश जारी कर रही है वही पुलिस कर प्यादे पत्रकारों को हरी घांस खिलाने को तैयार नही अब क्या समझा जाए कि सरकार को पुलिस नही मानती या फिर पुलिस अपने को ही सरकार समझतीं है पत्रकार के साथ इस तरह का अभद्रता पूर्ण व्यवहार क्या साबित करता है कि एक चोर जो कि पब्लिक के हाथों पीटा जाता है और पत्रकार ही इसकी जानकरी पुलिस को देकर उसकी जान बचाती है वही पत्रकार जब मामले की जानकारी कर लिए चौकी जाता है तो मुनि जैसे सिपाही उससे बत्तमीजी से पेश आते है आखिर ये है क्या इसका मतलब तो यही निकलता है कि न्याय नही पैसा बोलता है अब कितना पैसा मुनि और उनके इंचार्ज चौरसिया साहब ने खाया की रँगे हाथ पकड़े गए चोर को कुछ ही घंटो में रिहा कर दिया।

पत्रकार के चौकी जा कर इस मामले में जानकारी मांगने पर उसके साथ अभद्रता का व्यवहार किया जाता है ये क्या है इसे समझने जर लिए हमारे पुलिस अधीक्षक साहब समझ दार है लेकिन यह है कि अगर ऐसे भ्रस्ट पुलिस कर्मियों कर ऊपर कार्यवाही नही होती है तो जनता का विश्वास और समाज का भरोसा सब चकनाचूर हो जाएगा।

और एक बात बता दे कि इस तरह दे पत्रकारो का अपमान करने वाले पुलिस कर्मचारियों कर खिलाफ अब मुहिम छेड़ी जाएगी।

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7k Network

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