किसान रात दिन एक कर करता है मेहनत आज तक किसी ने नहीं सोचा किसान के बारे में, किसानों को नहीं मिलती कभी छुट्टी न टका भर मिलता वेतन जिनको मिलता वेतन वो बैठते हैं धरने पर
उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले में कभी किसी ने किसानों के भी विषय पर सोचा है जो रात दिन ठंडी गर्मी बरसात एक कर मेहनत करता रहता है और चार महीने तक आस लगाकर बैठता है कि जब फसल तैयार होगी तब फसल के द्वारा कुछ रुपया पैसा मिलेगा कभी कभार ऐसा भी हो जाता है कि पानी न बरसाने के कारण या दैवी आपदा के कारण फसले नष्ट हो जाती है तो भी किसान अपने घरों में बैठ जाता है कभी किसी सरकार ने किसान की मेहनत को देखकर किसी प्रकार की पेंशन लागू नहीं की ना तो किसानों के लिए छुट्टी के दिन घोषित किया है।
हालांकि पिछले पंचवर्षीय योजना से देश के प्रधानमंत्री ने किसानों के विषय में कुछ सोचा और समझा और वर्ष में ₹6000 किसानों को दिया जबकि ₹6000 एक परिवार के लिए महीने भर के लिए कुछ भी नहीं होता है वही जो लोग 40 से 80 हजार तक प्रति माह वेतन पाते हैं और अपने कामों से निरर्थक साबित कर बायोमेट्रिक हटाने और अवकाश की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने एक वर्ष में 14 दिन की छुट्टी दी है वैसे भी गर्मी में 21 मई से 30 जून तक की छुट्टी रहती है ठंडियों में 1 जनवरी से 20 जनवरी तक छुट्टी रहती है वर्ष में जितने रविवार पड़ते हैं सब की छुट्टियां रहती हैं वर्ष में जितने प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में छुट्टी रहती है सब मिलाकर लगभग 5 महीने तक विद्यालय बंद रहते हैं इसके बावजूद भी सोमवार के दिन जनपदवार जनपदों में शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया है।
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