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आखिर एसडीएम कोर्ट में प्राइवेट कर्मचारी क्यों?

एसडीएम सब कुछ जानते हैं की प्राइवेट कर्मचारी गुप्ता ₹100 से ₹500 तक लेता है फिर भी एसडीएम बने है मूकदर्शक

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले में शासनादेश में साफ शब्दों में कहा गया है कि किसी भी सरकारी संस्थानों में प्राइवेट कर्मचारी को न रखा जाए लेकिन शासनादेश को ताक पर रखकर जनपद के तहसील मंझनपुर में गुप्ता जैसे भ्रष्ट एवं घूसखोर कर्मचारियों से सभी कार्य निष्पादित कराए जा रहे हैं जिससे यहां भ्रष्टाचार चरम सीमा को पार कर रहा है यहां कोई भी कर्मचारी हो बिना जेब गरम किए सीधे मुंह बात ही नहीं करता। यहां अक्सर घूस मांगने का वीडियो और ऑडियो वायरल होते रहते हैं फिर वो चाहे लेखपाल हो या कानूनगो हो या फिर पेशकार लेकिन एसडीएम आकाश सिंह जानकर भी प्राइवेट कर्मचारियों पर कार्यवाही करने के बजाय उसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं जिससे इनका हौसला दोगुना बढ़ जाता है।

जानकारी के मुताबिक एसडीएम कोर्ट मंझनपुर में गुप्ता नाम का कथित प्राइवेट कर्मचारी अपने आपको किसी बाबू से कम नहीं समझता जब अधिवक्ता अपनी फाइलों को दर्ज कराने के लिए जाते हैं तो इसके द्वारा सीधे सौ रुपए से लेकर पांच रुपए तक की मांग की जाती है यदि अधिवक्ता पैसा देने से इंकार कर देते हैं तो उनके साथ अभद्रता करने पर उतारू हो जाता है और फाइल फेंकने लगता है यहीं तथाकथित गुप्ता वाद की फाइलों को हजारों रुपए पाकर गायब करने में भी माहिर है।

एसडीएम आकाश सिंह फाइलों में आदेश कर देते हैं तो इसके द्वारा उस फाइल को अपने पास कई महीने रख लिया जाता है जिससे न्याय की आस लगाए गरीबों और असहायों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता है और उनके द्वारा कोर्ट के चक्कर काटते काटते मजबूरी में पैसा देना पड़ता है जब यह पैसा पा जाता है तो फाइल में आदेश टाइप कर देता है और एसडीएम को कानों कान खबर तक नहीं लगती जिससे अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।

फिलहाल मंझनपुर तहसील संघ के अधिवक्ताओं ने नवागत जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए इस प्राइवेट कर्मचारी तथाकथित गुप्ता को हटाने की मांग की है। अब देखना यह है कि क्या जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी मंझनपुर शासनादेश का पालन करवा पाते हैं या इसी तरह भ्रष्टाचार का बोलबाला होता रहेगा यह शासन और प्रशासन पर बड़ा सवाल है। ऐसा लग रहा है कि यह प्राइवेट कर्मचारी गुप्ता दिन भर में किसी से ₹100 किसी से ₹500 किसी से ₹1000 वसूली कर दिन भर में लगभग 20000 रुपए वसूली कर लेता है और एसडीएम साहब का भी हिस्सा लगाता है शायद इसलिए एसडीएम साहब कार्रवाई करने में कतरा रहे हैं।

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