ककोरी ट्रेन एक्शन की 100 वीं वर्षगांठ: शहीदों की अमर गाथा का कौशाम्बी में हुआ अद्वितीय स्मरण
रिपोर्टर अमित कुमार
चायल कौशाम्बी – भारतीय स्वाधीनता संग्राम के गौरवशाली इतिहास में एक अविस्मरणीय अध्याय के रूप में दर्ज काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ पर कौशाम्बी की धरती ने आज फिर से उन वीर सपूतों की शहादत को सजीव किया। पिपरी थाना के ग्राम लालापुर और चचौली के पवित्र स्मारकों पर आयोजित इस स्मरणीय सभा में देशभक्ति का जोश और श्रद्धा की लहरें उमड़ पड़ीं।
ग्राम चचौली के अमर शहीद स्व. राजू सिंह पटेल और ग्राम लालापुर के वीर बलिदानी शहीद स्व. कंचन यादव के स्मारकों पर जब क्षेत्राधिकारी चायल मनोज कुमार रघुवंशी, उपजिलाधिकारी चायल योगेश कुमार गौड़, और थानाध्यक्ष पिपरी बलराम सिंह ने पुष्पांजलि अर्पित की, तो वहाँ उपस्थित हर ह्रदय ने एक बार फिर से आजादी के उस जज़्बे को महसूस किया, जिसके लिए इन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।
पुलिस बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगीतों की धुनों ने मानो उस समय को पुनः जीवित कर दिया जब भारत माता के सपूतों ने अपने खून से स्वाधीनता की इबारत लिखी थी। इस अलौकिक अवसर पर शहीदों के परिजनों को अंग वस्त्र भेंट कर उनका सम्मान किया गया, जो न केवल उनकी शहादत का स्मरण था, बल्कि यह भी संदेश था कि उनकी विरासत अमर है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर अधिकारी, कर्मचारी, शहीदों के परिवारजन, और स्थानीय जनमानस बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। हर आंख में उन वीरों के प्रति अटूट श्रद्धा और गर्व की झलक साफ दिख रही थी, मानो इस भूमि ने अपने पुत्रों की वीरता पर एक बार फिर से गर्व किया हो। यह दिन केवल इतिहास की पुनरावृत्ति नहीं, बल्कि उस अमर ध्वज की पुनः स्थापना थी, जो स्वतंत्रता के लिए प्रज्वलित हुआ था और जिसे हर भारतीय ह्रदय अनंतकाल तक संजोए रखेगा।