सिद्धार्थ नगर जनपद सहित देश के सभी कोने में मनाया गया राखी के खुशियों का त्योहार
पूरे भारतवर्ष और कई अन्य देशों में 19/08/2024 को समय लगभग 1:30 बजे बाद राखी भाई के कलाई पर बाधी गई।राखी का त्योहार भाई और बहन का अटूट प्रेम का एक जीता जागता उदाहरण है।
राखी बाधने की शुरुआत सबसे पहले देवराज इंद्र से शुरू हुईं। जब युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया। इस रक्षासूत्र ने इंद्र की रक्षा की और वह युद्ध में विजयी हुए. तभी से बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधने लगीं।
कृष्ण-द्रौपदी से जुड़ी है कहानी के अनुसार द्रौपदी ने अपनी साड़ी के आंचल को चीरकर उनकी उंगली पर पट्टी बांधी थी। द्रौपदी की इस श्रद्धा और प्रेम को देखकर भगवान कृष्ण ने उनकी सुरक्षा का वचन दिया था और कौरवों की सभा में द्रौपदी चीर हरण के समय चमत्कार करके अपनी द्रौपदी की लाज बचाई थी।
कृष्ण द्रौपदी के कहानी मे रक्षाबंधन की शुरुआत का इतिहास मे एक बार भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का कपड़ा बांधा था, जिससे खून बहना बंद हो गया था। इस घटना के बाद, कपड़े का वह टुकड़ा पवित्र धागा बन गया और रक्षा बंधन के वास्तविक महत्व का प्रतीक बन गया।
संवाददाता राजेश मौर्य
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