भारत देश सहित पूरे विश्व में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पर मानवाधिकार आयोग की चुप्पी चिंताजनक
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी बांग्लादेश में जिहादी मानसिकता के लोगों द्वारा हिंदुओं के घरों मंदिरों और कब्रिस्तानों को नष्ट किया जा रहा है। यही नहीं लगातार सामूहिक घटनाएं वा महिलाओं के साथ अत्याचार भी किए गए हैं जिसमें विश्व पटल के छोटे-छोटे मामलों को मानवाधिकार का विषय बात कर उठने वाला मानवाधिकार संयुक्त राष्ट्र संघ की चुप्पी हिंदुओं की हत्याओं पर चिंता जनक है। इसके विरोध में शनिवार को हजारों की संख्या में हिंदू समाज के लोग सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। मुख्यालय मंझनपुर के डायट मैदान में सभा आयोजित की गई जिसके बाद रैली निकालकर मंझनपुर चौराहे से होते हुए वापस जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौपा गया।
प्रदर्शन में विभिन्न हिंदू संगठनों ने बैनर तले उतरकर हिन्दुओ ने अपनी आवाज उठाई। बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को चिंताजनक बताते हुए प्रदर्शन कार्यो में अपना विरोध दर्ज कराया इस दौरान हिंदू रक्षा समिति के बैनर तले पांच सूत्रीय ज्ञापन अपर जिला अधिकारी को सौपा गया।जिसमें संयुक्त राष्ट्र संघ में बांग्लादेश के मामले को उठाने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समाज हिन्दूओ पर चुप्पी पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि यदि भारत देश के राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले को गंभीरता से नहीं उठाएंगे तो यह भारत के हिंदुओं के बीच में आक्रोश का बड़ा कारण बन सकता है यही नहीं एक स्वर में कहा कि यह बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होता तो भारत में रह रहे बांग्लादेशी मुसलमान को भी इस देश से निकाल देना चाहिए। इस मौके पर प्रमुख रूप से हिंदूवादी नेता अवधेश शुक्ला
विनोद सोनकर, धर्मराज मौर्य, अनीता त्रिपाठी, यशवंत यदुवंश, वेद प्रकाश सत्यार्थी, प्रशान्त केशरी, माधुरी, लाल बहादुर, सर्वेश पटेल, शिवम् पांडे, बृजेन्द्र पटेल, वेद प्रकाश राय, आशीष द्विवेदी, दीपक मौर्य, प्रतिभा कुशवाहा, ज्योति गुप्ता, वीरेन्द्र फौजी, विजय तिवारी, चन्द्र किशोर सहित हजारों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग मौजूद रहे।
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