कौशांबी डीएम ने DCPM को दोषी पाया दिया कार्यवाही का आदेश दिया
उत्तर प्रदेश कौशांबी जिले में स्वास्थ्य महकमे में रुपए लेकर आशा कार्यकर्ता की भर्ती मनमाने तरीके से करने का खुलासा हुआ है। बुधवार को डीएम ने CDO की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये गए DCPM पर कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र भेजा है। चायल तहसील के एक ग्राम प्रधान ने फरवरी में शिकायत कर आशा भर्ती मे 1 लाख रुपए लिए जाने का आरोप लगाया था। सीडीओ ने जांच में हेल्थ डिपार्टमेंट के जिला कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबन्धक को मनमाने तरीके से आशा कार्यकर्ता के भर्ती किए जाने का दोषी पाया है।
कौशांबी में आशा कार्यकर्ता भर्ती मामले में DCPM दोषी:डीएम ने कार्रवाई का आदेश दिया, प्रधान की शिकायत पर सीडीओ को सौंपी थी जांच कौशांबी में स्वास्थ्य महकमे में रुपए लेकर आशा कार्यकर्ता की भर्ती मनमाने तरीके से करने का खुलासा हुआ है। बुधवार को डीएम ने CDO की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये गए DCPM पर कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र भेजा है। चायल तहसील के एक ग्राम प्रधान ने फरवरी में शिकायत कर आशा भर्ती मे 1 लाख रुपए लिए जाने का आरोप लगाया था। सीडीओ ने जांच में हेल्थ डिपार्टमेंट के जिला कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबन्धक को मनमाने तरीके से आशा कार्यकर्ता के भर्ती किए जाने का दोषी पाया है।
स्वास्थ्य महकमे में ग्राम स्तर पर हेल्थ कार्यक्रम को संचालित करने के लिए साल 2014 मे आशा के चयन का शासनादेश संख्या 1656/5-10-बी-एफ़-75/13 दिनांक 4 मार्च 2014 जारी किया गया। जिसके तहत महकमे में नवीन आशा का चयन शुरू हुआ। चयन प्रक्रिया को जमीनी स्तर तक आने मे 10 साल का समय लग गया। साल 2023-24 मे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तर से आशा पद के अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे। जिसंमे चायल ब्लाक के चलौली गांव की महिला सुनीता देवी ने अपना आवेदन पत्र भरा। चयन प्रक्रिया के दौरान आशा के भर्ती के लिए स्वास्थ्य महकमे से जिम्मेदार पर उम्मीदवारों से एक-एक लाख रुपए की वसूली का आरोप लगा।प्रधान ने की थी शिकायत
चलौली ग्राम प्रधान मैदान सिंह ने बताया रुपए न दे पाने के चलते उनके गांव की महिला सुनीता देवी का चयन नहीं किया गया। जिसकी शिकायत उन्होंने 27 फरवरी 2024 को जिलाधिकारी को पत्र भेज कर की शिकायत पत्र में उन्होंने तत्कालीन MOIC चायल, DCPM एवं अन्य सीएमओ दफ्तर के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों द्वारा भर्ती प्रक्रिया मे अवैध धन उगाई का आरोप लगाया था।
डीएम ने प्रकरण की जांच मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी। करीब 7 माह की लंबी जांच प्रक्रिया के दौरान सीडीओ ने जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट भेजी। जांच रिपोर्ट मे सीडीओ ने शासन से निर्धारित नियमों का पालन न करना पाया। सीडीओ ने स्वास्थ्य महकमे में तैनात जिला कम्युनिटी प्रोसेस प्रबन्धक संजय कुमार को आशा चयन में मनमानी करने का दोषी पाया। उन्होंने चयन प्रक्रिया के दौरान शासन के निर्देश को दर किनार कर परीक्षण नहीं किया। जबकि शासन ने अपने आदेश पत्र मे स्पष्ट किया है कि भर्ती की प्रक्रिया का सम्पूर्ण दायित्व डीसीपीएम का होगा।
- डीएम ने कार्रवाई का दिया आदेश
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने सीडीओ की जांच रिपोर्ट का हवाला देकर सीएमओ संजय कुमार को पत्र भेज कर आशा भर्ती घोटाले के दोषी पाये गए डीसीपीएम संजय कुमार पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। डीएम ने सीएमओ से कार्रवाई की रिपोर्ट भीतलब की है।
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