आकर्षक का केंद्र बनी रही निंदूरा गांव का ताजिया, अकीदतमंदों ने सादगी से मनाया चहेल्लुम का त्यौहार,
संवाददाता/ मोहम्मद बेलाल
उत्तर प्रदेश लालगोपालगंज प्रयागराज जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत लालगोपालगंज में चालीसवां का जुलूस धूम धाम से निकाला गया। अकीदतमंद सादगी के साथ मर्सिया नौहखानी करते हुए कर्बला में जुलूस का सामान किया। साथी जुलूस में पुलिस प्रशासन अपने दलबल के साथ अपने कार्यों में लगी रही।
चालीसवां या मोहर्रम की ताजिया बनाने के लिए नगर पंचायत में एक गांव ऐसा है की अपने जनपद से लेकर अन्य जनपदों में ताजिया ऑर्डर से बनाकर देते हैं। हालाकि उस कारखाने में कारीगर कई महीने पहले से अपनी तैयारी में जुट जाते हैं।
आपको बताते चलें इमामगंज का नाम रौशन करने के लिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इस चहेल्लुम में कारीगर पिता सुलेमान पुत्र हसनैन, लियाकत, व खालिद, दिलावर ने एक ऐसी ताजिया बनाया था जो पूरे कर्बला में आकर्षक का केद्र बनी हुई थी। वह ताजिया निंदुरा गांव को कारीगरों ने सुपुर्द किया था। ताजिया लाख की लागत से बनी कर्बला का प्रारूप ताजिया रहा है। बताते चलें कि लालगोपालगंज में मोहर्रम की चालीस दिन के बाद मनाने वाली चालीसवां का त्योहार विशेष तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर स्थानीय कार्यक्रम के द्वारा बेहतरीन नकाशी से खूबसूरत ताजिया का निर्माण किया जाता है और अपने गांवों को लाइट, झालरों से जगमग किया जाता है। इसे देखने के लिए आसपास के सैकड़ो गांवों से कई किलोमीटर दूर से हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यह कार्यक्रम नौवी यानी एक दिन पहले से प्रारंभ होता है जो दसवी यानी 40सवा को समापन किया जाता है।
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