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कौशांबी डायट में सुरक्षा संरक्षण प्रशिक्षण प्रारंभ

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंझनपुर में तीन दिवसीय सुरक्षा एवं संरक्षा संबंधी प्रशिक्षण के प्रथम बैच का प्रारंभ

उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के आदेश के क्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंझनपुर में तीन दिवसीय सुरक्षा एवं संरक्षा संबंधी प्रशिक्षण के प्रथम बैच का प्रारंभ किया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ डायट प्राचार्य/ उप शिक्षा निदेशक सुश्री निधि शुक्ला के द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। डायट प्राचार्य ने जीवन में सुरक्षा एवं संरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। महिलाओं की सुरक्षा घर से लेकर विद्यालय तक आज के समाज की आवश्यकता है। वर्तमान परिवेश में विभिन्न प्रकार की घट रही घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की गई। विद्यालय के बच्चों में सुरक्षा एवं संरक्षा के प्रति चेतना जागृत करना शिक्षकों का मूल कर्तव्य है। राज्य परियोजना महानिदेशक लखनऊ द्वारा प्रशिक्षित डॉक्टर अनामिका सिंह ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण के विभिन्न आयामों पर संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में डॉ संतोष कुमार एवं डॉ आनंद कुमार सहायक आचार्य महामाया राजकीय महाविद्यालय ओसा ने जलवायु के विभिन्न मुद्दों पर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किये ।जलवायु परिवर्तन के घातक परिणाम पर विस्तृत चर्चा की। उक्त परिणाम के बचाव के लिए विद्यालय स्तर पर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की गई। जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण मानव है तथा उसकी घातक परिणामों का प्रभाव समस्त जीव जंतुओं पर पड़ रहा है जलवायु परिवर्तन की परिणामों से किस प्रकार विद्यालय स्तर पर बच्चों और स्वयं को सुरक्षित रखा जाए इस पर विस्तार चर्चा की गई। जलवायु परिवर्तन की कारण आ रही आपदाओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन किस प्रकार किया जाए इस विषय पर अपनी बात रखी।

प्रशिक्षण सत्र में विशिष्ट अतिथि सत्येंद्र तिवारी क्षेत्राधिकारी मंझनपुर ने सड़क सुरक्षा एवं यातायात विषय पर जीवन में उपयोग आने वाले सारगर्भित नियमों के बारे में अवगत कराया। अपने शिक्षकों को अभिप्रेरित किया कि वह विद्यालय स्तर पर यातायात नियमों के प्रति बच्चों को जागरूक करें। इस संदर्भ में अपने अपने विद्यालयी जीवन के प्रसंगों को भी बताया। भारतीय दंड संहिता एवं भारतीय न्याय संहिता के अंतर को भी स्पष्ट किया। भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य पीड़ित को न्याय दिलाना है ना कि किसी को दंड दिलाना। कमलेश पांडे टी0आई0 यातायात प्रभारी ने यातायात के विभिन्न नियमों की विस्तृत चर्चा की एवं नियम न पालन करने पर जुर्माना के प्रावधानों का भी उल्लेख किया। दुर्घटनाओं का मूल कारण यातायात के नियमों का पालन न करना है। नोडल प्रवक्ता कौशलेंद्र मिश्र ने अंतिम सत्र खुला मंच में प्रतिभागियों की शंका का समाधान किया प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों में डॉ संदीप तिवारी, सुश्री शबनम सिद्दकी एवं डॉ0 प्रमोद सेठ के द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया।

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