एटा मे झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक, स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला।
एटा स्वास्थ्य विभाग की टीम एसीएमओ (उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. सर्वेश के नेतृत्व में एक शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए नगला गुमानी चौराहा स्थित झोलाछाप डॉक्टर यतेंद्र यादव के क्लीनिक पर पहुंची थी। जैसे ही टीम ने छापा मारा, डॉक्टर भड़क गया और अपने करीब दर्जन भर साथियों को बुलाकर स्वास्थ्य टीम पर हमला कर दिया। हमलावरों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बंधक बना लिया और उनके साथ जमकर मारपीट की। एसीएमओ डॉ. सर्वेश का मोबाइल फोन, सरकारी दस्तावेज और डायरी भी छीन ली गई। हालात इतने बेकाबू हो गए कि डॉ. सर्वेश को झोलाछाप डॉक्टर के सामने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगनी पड़ी। घटना के बाद, स्वास्थ्य टीम को क्लीनिक में बंधक बनाकर शटर बंद कर दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बंधक टीम को छुड़ाया। इस हमले से स्वास्थ्य विभाग की टीम में दहशत फैल गई है। करीब एक माह पहले इसी झोलाछाप डॉक्टर यतेंद्र यादव के फर्जी अस्पताल को शिकायत मिलने पर सील कर दिया गया था। बावजूद इसके, उसने नया क्लीनिक खोलकर अवैध रूप से इलाज करना शुरू कर दिया था। इसी की शिकायत मिलने पर एटा के जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम कार्रवाई करने पहुंची थी, लेकिन उन पर हमला हो गया। घटना के बाद, एसीएमओ डॉ. सर्वेश ने झोलाछाप डॉक्टर यतेंद्र यादव और उसके साथियों के खिलाफ जैथरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह घटना जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के बढ़ते आतंक की ओर इशारा करती है। अवैध रूप से इलाज कर रहे ऐसे डॉक्टर न सिर्फ कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि मरीजों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रशासन और पुलिस को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
ब्यूरो विष्णु रावत
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