माटी कला योजना : दम तोड़ रही परम्परागत शिल्पकलाओं को पुनर्जीवित कर रही है योगी सरकार की मुख्यमंत्री
- प्रयागराज मंडल में योजना अंतर्गत प्रदान किए गए 930 विद्युत चलित चाक और टूल्स।
- सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना से रोजगार क्षमता और आय में होगा इज़ाफा
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले प्रजापति परिवारों के खत्म होते परंपरागत रोजगार को नई जिंदगी मिल रही है। प्रयागराज मंडल में मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना से हजारों प्रजापति परिवार लाभान्वित हुए हैं। जो परिवार अपनी इस पुश्तैनी पारंपरिक शिल्पकला से दूरी बना रहे थे, आज वह तेजी से इसे अपना रहे हैं। उनके जीवन में बदलाव आया है। दम तोड़ रही शिल्पकलाओं को मिल रहा है पुनर्जीवन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, दीए खिलौने, बर्तन इत्यादि गृह उपयोगी एवं कलात्मक वस्तुएं बनाने में लगे परंपरागत शिल्पकारों की आजीविका बढ़ाने में लगी है। मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना इसका जरिया बन रही है। प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ प्रबंधक खादी एवं ग्रामोद्योग जवाहरलाल बताते हैं कि इस योजनान्तर्गत मंडल में 937 शिल्पकारों को निशुल्क बिजली से चलने वाले कुम्हारी चाक और टूल्स वितरित किये गए हैं। उनके उत्पाद में विविधता पैदा करने के लिए इन शिल्पकारों को मूर्तियाँ बनाने वाले सांचे भी निशुल्क दिए गए हैं। इसके साथ ही उत्पादों में चमक और बेहतर फिनिशिंग देने के लिए उत्पादों की रंगाई करने वाली मशीने भी इन्हे वितरित की गई हैं। शिल्पकारों के स्किल को बढाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित कर सस्ता ऋण मुहैया कराया गया है। शिल्पकार परिवारों के जीवन में दिख रहा है बदलाव। प्रयागराज मंडल में माटी कला के कार्य से तकरीबन 8 हजार से अधिक प्रजापति परिवार जुड़े हैं। प्लास्टिक के बढ़ते चलन के बाद इनके उत्पादों की मांग बाजार में कम होने लगी थी और लोग अपने इस परंपरागत शिल्प से दूर हटने लगे थे। पर्यावरणीय चिंता के बाद सरकार प्लास्टिक प्रतिबंधित करने की दिशा में आगे बढ़ी है। इससे इन शिल्पकारों का बाजार फिर से विकसित होने लगा है। सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन और इनके उत्पादों की बाज़ार में बढ़ी मांग से मिट्टी के बर्तन बनाने का जो काम धीरे धीरे विलुप्त हो रहा था उसमे इस योजना ने नयी उम्मीद और ऊर्जा का संचार किया है। सीएफसी की स्थापना से रोजगार क्षमता और आय में होगा इज़ाफा।
प्रयागराज के फाफामऊ में इसी सप्ताह 3 करोड़ की लागत से शुरू हुए सामान्य सुविधा केंद्र में शिल्पियों को रोजगार, प्रशिक्षण, विपणन एवं नई टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान किया जाएगा। सीएफसी के माध्यम से हस्तशिल्पियों को बरसात एवं ठंड के समय में उत्पादन करने गीली मिट्टी को रखने एवं पकाने में जो समस्या आती थी उसका निराकरण इसमें स्थापित उपकरणों के माध्यम से किया जाएगा। सीएफसी में स्थापित मशीनों के माध्यम से कारीगरों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
पत्रकार राम भुवाल पाल
इसे भी पढ़ें छठे पुण्य दिवस पर मेधावी छात्राओं को किया सम्मानित