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जनपद में भारी वर्षा, आंधी तूफान, अतिवृष्टि एवं आकाशीय बिजली/वज्रपात से बचाव हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश

जनपद में भारी वर्षा, आंधी तूफान, अतिवृष्टि एवं आकाशीय बिजली/वज्रपात से बचाव हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश

संवाददाता करन कुमार विश्वकर्मा

प्रतापगढ़। आपको बता दें कि जनपद प्रतापगढ़ में मौसम विभाग लखनऊ केन्द्र के नवीन बुलेटिन के अनुसार जनपद मेंं दिनांक 29 सितम्बर 2024 तक यलो अलर्ट की सूचना है, बुलेटिन के अनुसार अवगत कराया गया है कि जनपद में निर्धारित दिवसों में भारी वर्षा, आंधी-तूफान व आकाशीय विद्युत/वज्रपात होने की सम्भावना है। इस क्रम में जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के निर्देश के क्रम में जनपद के समस्त नागरिकों को सुरक्षित रहने एवं बचाव हेतु दिशा निर्देश (एडवाइजरी) जारी की गयी है। इसके अलावा उन्होने बताया है कि जनपद में मौसम की स्थिति के बारे में रेडियो, टी०वी०, दैनिक समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से निरन्तर जानकारी लेते रहे, यदि आवश्यक ना हो तो खराब मौसम की स्थिति में घर में रहें, खिड़कियॉ और दरवाजे बंद करें और यदि सम्भव हो तो यात्रा से बचे। सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे आश्रय न लें, कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती है, बिजली/इलेक्ट्रानिक उपकरणों को अनप्लग करें। साथ ही यदि आप बाहर है तो विद्युत के तारों के नीचे, विद्युत के खम्भों एवं ट्रान्सर्फमर के समीप ना खडे हो। अपने पशुओं को खराब मौसम अथवा वर्षों की स्थिति में खुले में ना छोडे और ना ही उनको पेड़ के नीचे बांध कर रखें, पशुओं को खराब मौसम अथवा वर्षा की स्थिति में सुरक्षित स्थान पर ही रखें। खराब मौसम अथवा वर्षों की स्थिति में कृषक खेतों में सुरक्षित तरीकों से ही कृषि कार्य करें, विशेषकर फसलों की जुताई-बुवाई/कटाई का कार्य खराब मौसम में ना करें। इसके अलावा आकाशीय बिजली स्थिति के दृष्टिगत खराब मौसम में कृषि कार्य न करें। आकाशीय विद्युत से बचाव के लिए खेती के दौरान कृषक अपने साथ लकड़ी का छोटा पिढ़ा अथवा प्लास्टिक की बोरी साथ में अवश्य रखे और आकाशीय बिजली गिरने की स्थिति में उस पर ही अपना जितना सम्भव हो सकें छोटा आकार बनाकर बैठ जाए। नदी, तालाब, पोखरा व गहरे गढ्ढे में जाने से बचें, बच्चों पर विशेष निगरानी रखें तथा उन्हें नदी, तालाब, नहर गड्ढे आदि के किनारे कतई न जाने दें। पीने के पानी को उबालकर पीयें, नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से ब्लीचिंग पावडर व क्लोरीन टेबलेट प्राप्त कर लें। इससे सम्बन्धित किसी भी चिकित्सीय आपात काल में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के कन्ट्रोल रूम नम्बर 05342-222041 एवं उक्त के अतिरिक्त 9044406400, 9044490800, 7991620103 एवं 7991320204 इन नम्बरों पर भी सम्पर्क करें। समस्त राजकीय चिकित्सालय, पी.एच.सी. एवं सी.एच.सी अस्पतालों हाई अलर्ट पर रहे। ट्रामा मैनेजमेन्ट, सर्पदंश, बिजली के झटके एवं जल-जनित रोगों के उपचार की व्यवस्था अपने चिकित्सालयों पर सुनिश्चित कर ले। आकस्मिक सेवाओं में तैनात अधिकारी/कर्मचारी ड्यूटी पर उपस्थित रहें। औषधियों आदि की व्यवस्था, रोगी वाहन की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाय। आकाशीय विद्युत की स्थिति में कभी भी छायादार बड़े पेड़ के नीचे शरण ना लें। आकाशीय विद्युत की स्थिति में वाहन से यात्रा करने से बचे, अगर यात्रा कर रहें हो तो अतिशीघ्र सुरक्षित स्थान अथवा पक्के मकान में शरण लें। आकाशीय विद्युत से होने वाली घटनाओं से बचाव एवं पूर्व चेतावनी हेतु दामिनी ऐप का प्रयोग करें तथा इस एप के प्रयोग के लिए जन मानस को भी प्रेरित करें। उक्त के अतिरिक्त अन्य प्राकृतिक आपदाओं से राहत एवं बचाव तथा अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न आपदाओं के दौरान क्या करें क्या ना करें के बारे में अधिक जानकारी/एडवाइजरी हेतु सचेत ऐप का सतत् प्रयोग करें एवं जन-मानस को भी इस एप के प्रयोग के लिए प्रेरित करें। बच्चों को अकेले नदी/घाटों के समीप न जाने दें, यदि जलस्रोत में है तो जलस्रोतों से तुरन्त बाहर निकलें तथा नालों और मौसमी जलधाराओं से दूर रहें। भारी बारिश के दौरान फिसलन भरी सड़कों एवं खराब दृश्यता की स्थिति में वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, अतिप्रवाहित पुलों और जलमग्न सड़कों एवं सुरंगों से बचे। वर्षा के दौरान वज्रपात का खतरा रहता है, यदि खुले स्थान पर हो तो पक्के मकान की शरण लें, नदी, तालाब, घाटों से दूर रहें। अत्यधिक वर्षा के दृष्टिगत कच्चे/कमजोर/जर्जर मकान में शरण न लें, सुरक्षित/पक्के मकान में शरण लें। अत्यधिक वर्षा के कारण सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि होने के दृष्टिगत सर्पदंश की घटना के उपरान्त प्रमाणित कुशल चिकित्सक, सीएचसी/पीएचसी, जिला अस्पताल में चिकित्सकीय उपचार हेतु तत्काल सम्पर्क करें, झाड़/फूंक आदि के चक्करों में न पड़े, तत्काल सर्वप्रथम प्रभावित को उपचार हेतु अनिवार्य रूप से निकटतम चिकित्सालय लें जायें।

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