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शारदीय नवरात्रि आज से शुरू जानें कलश स्थापना का मुहूर्त और विधि व राशि के अनुसार पूजा विधि

03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी वहीं, 12 अक्टूबर को इसका समापन होगा।

भारत में सनातन धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी मानी जाती है प्रत्येक वर्ष 4 नवरात्रि आती है जिसमे दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि शामिल हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 2 अक्टूबर 2024 को रात्रि 11 बजकर 13 मिनट पर होगा और अगले दिन 3 अक्टूबर को 1 बजकर 19 मिनट पर समापन होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी। वहीं, 12 अक्टूबर को इसका समापन होगा इस साल मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों ही कष्टकारी माना जा रहा है। देवी भगवती इस साल डोली पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर प्रस्थान करेंगी। मान्यता है कि जिस वर्ष माता का डोली पर आगमन होता है, उस वर्ष देश में रोग, शोक और प्राकृतिक आपदा आती है। वहीं, हाथी पर प्रस्थान अत्यधिक वर्षा का संकेत माना जाता है।

आइए जानते हैं कलश स्थापना का मुहूर्त, सामग्री और विधि कलश स्थापना का मुहूर्त : शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इस साल 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक कलश स्थापाना का मुहूर्त है। इसके बाद सुबह 11 बजकर 37 मिनट से लेकर 12 बजकर 23 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापित किया जा सकता है

कलश स्थापना सामग्री सनातन धर्म में सभी मांगलिक कार्यों में कलश स्थापित करना महत्वपूर्ण माना गया है इसे सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए कलश में जल, पान का पत्ता, अक्षत,कुमकुम,आम का पत्ता, मोली, रोली केसर, दूर्वा- कुश, सुपारी, फूल, गंगाजल, कमलगट्टा, सर्वोषधी, नारियल, अनाज, लाल कपड़ा, 1-2 रुपए का सिक्का इत्यादि का उपयोग किया जाता है।

  • कलश स्थापना की विधि

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते समय सबसे पहले सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें। अपनी कुल की देवी का चित्र व स्मरण अवश्य करते रहे

एक मिट्टी के बड़े पात्र में मिट्टी डाल दें और इसमें ज्वारे के बीज डालें। उसके बाद सारी मिट्टी और बीज डालकर पात्र में थोड़ा-सा पानी छिड़क दें अब गंगाजल भरे कलश और ज्वारे के पात्र पर मौली बांध दें। जल में सुपारी,दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी डाल दें।

आपको बताते चलें कलश के किनारों पर आम के 5 पत्तों को रखें और कलश का ढक्कन से ढक दें एक नारियल लें और उसपर लाल कपड़ा या चुनरी लपेट दें नारियल पर मौली बांध दें। इसके बाद कलश और ज्वारे स्थापित करने के लिए सबसे पहले जमीन को अच्छे से साफ कर लें। इसके बाद ज्वारे वाला पात्र रखें उसके ऊपर कलश स्थापित करें और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें।

फिर सभी देवी-देवताओं का आह्मान करने के साथ नवरात्रि की विधिवत पूजा आरंभ करें।

कलश स्थापित करने के बाद नौ दिनों तक मंदिर में रखे रहना चाहिए।

सुबह-शाम आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें।नौ दिन ज्योति का भी बडा महत्व है इसलिए यथा सम्भव अखण्ड ज्योति भी जलाये या फिर माता की प्रतिदिन कण्डे पर भी ज्योत व भोग अर्पण करे।

मेष राशि शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा को लाल रंग का फूल और वस्त्र अर्पित करें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

वृषभ राशि शारदीय नवरात्रि के दिनों में माता रानी को सदाबहार, बेला और सफेद रंग के फूल चढ़ाएं। इससे सभी समस्याओं का निवारण होता है।

मिथुन राशि के लोग माता रानी को गुड़हल और केवड़ा के पुष्प अर्पित करें इससे जीवन में माता रानी की कृपा बरसेगी।

कर्क राशि शारदीय नवरात्रि में कर्क राशि वालों को सफेद चंदन अथवा मोती की माला से माता रानी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस उपाय को करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं, और सूर्य देव की उपासना में गुड़हल के फूल का विशेष प्रयोग होता है। ये फूल दुर्गा माता को भी अति प्रिय है। ऐसे में इस फूल को अर्पित करने से विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती हैं।

कन्या राशि इस राशि के जातकों को नैवेद्य में खीर का भोग लगाकर देवी को हरे वस्त्र अर्पण करें। इस दौरान तुलसी की माला से जाप करना विशेष रूप से लाभदायक रहेगा। साथ ही जीवन में सकारात्मकता बनी रहती हैं।

तुला राशि वाले जातकों को शारदीय नवरात्रि में कन्याओं को सफेद रूमाल भेंट करना चाहिए। इस उपाय को करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है

वृश्चिक राशि शारदीय नवरात्रि में कन्याओं को माता की लाल चुनरी पहनाकर उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से कार्यों में आ रही समस्याएं दूर होंगी।

धनु राशि वालों को हल्दी की माला से देवी मंत्रों का जाप और धार्मिक पुस्तकों का दान करना चाहिए। इससे सफलता के योग बनने की संभावना बनी रहती हैं।

मकर राशि इस दौरान मकर राशि वालों को मां भगवती को हलवा और चना का भोग लगाना चाहिए। साथ ही अष्टमी तिथि पर जरूरतमंदों को दान करें। इससे माता रानी की कृपा बनी रहती है।

कुंभ राशि वालों को गुड़हल, बेला, चमेली आदि से मां भगवती की पूजा करनी चाहिए। इस उपाय को करने से उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

मीन राशि आप गेंदा, गुलाब, गुड़हल के फूल देवी को अर्पित करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और जीवन में खुशहाली का वास होता है।

नोट:-उपयुक्त उपाय आपकी उन्नति और आनंद व धन धान्यों की वृद्धि के लिये है सम्पूर्ण भाव से करे देवी कृपा करेगी।

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