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दशहरे के बाद हुआ भरत मिलाप

दशहरे के बाद हुआ भरत मिलाप, देखने के लिए उमड़ी भीड़

बहसूमा। दशहरे के अगले दिन भरत मिलाप की परंपरा है।बहसूमा में दशहरे के अगले दिन रविवार को भरत मिलाप का आयोजन किया गया। चौकी पर सज धजकर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण लंका से लौटकर भरत से मिलते हैं। 14 साल के वनवास पर जाते समय राम ने भरत को वचन दिया था कि वनवास पूरा होने के बाद वह तुरंत अयोध्या लौटेंगे। राम जब लौटकर आए तो सबसे पहले भरत के गले लगे। इसलिए हर साल दशहरे के बाद भरत मिलाप का आयोजन किया जाता है जो माहौल को और भक्तिमय बना देता है। रविवार शाम पांच बजे राम और भरतत का मिलन हुआ।जिस तरह दशहरे का मेला देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड उमडती है, ठीक उसी तरह काफी संख्या में लोग भरत मिलाप देखने के लिए पहुंचे। शारदीय नवरात्रि की एकादशी को भरत मिलाप का आयोजन किया गया‌। भजन गायन का कार्यक्रम रखा गया। इधर राम और भरत गले मिले उधर गायको नें अपने सुरों से भक्तों को और मंत्रमुग्ध कर दिया।इस अवसर पर बिंदर चाहल, राजू राठी, दिले सिंह प्रजापति आदि मौजूद रहे।

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