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बुंदेलखंड राज्य की मांग, निकाली पदयात्रा

गाँव-गाँव, पाँव-पाँव पदयात्रा को मिला अपार जनसमर्थन

टहरौली, बेरबई, चंदवारी, रमपुरा, लुहरगांव घाट, सिया, सुल्तानपुरा आदि ग्रामों में भ्रमण

झाँसी के टहरौली में पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में निकाली गई पदयात्रा को अपार जनसमर्थन मिला। इस पदयात्रा का नेतृत्व बुंदेलखंड विकास बोर्ड के अध्यक्ष और प्रसिद्ध नेता राजा बुंदेला कर रहे हैं। मंगलवार को पदयात्रा ने झाँसी के विभिन्न गाँवों जैसे टहरौली, बेरबई, चंदवारी, रमपुरा, लुहरगांव घाट, सिया, सुल्तानपुरा आदि गाँवों और कस्बों में भ्रमण किया। ग्रामीणों ने हर जगह पदयात्रियों का उत्साहपूर्वक स्वागत किया, जिससे इस मांग के प्रति जनसमर्थन का स्पष्ट संदेश दिखाई दिया।

टहरौली में पदयात्रा के प्रवेश के समय भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर राजा बुंदेला के साथ बुंदेलखंड क्रांति दल के अध्यक्ष सत्येंद्रपाल सिंह, यात्रा संयोजक डॉ. आश्रय सिंह, बुंदेली सेना के अध्यक्ष शिवम् चौहान सोनू, किसान नेता प्रताप सिंह बुंदेला सहित सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण शामिल रहे। पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को जनमानस तक पहुँचाना है और इसी लक्ष्य के तहत यह यात्रा गाँव-गाँव में जा रही है।

टहरौली में आदर्श जनप्रिय इंटर कॉलेज में आयोजित एक सभा के दौरान राजा बुंदेला ने विद्यार्थियों और गाँव के गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित किया। उन्होंने पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग का औचित्य समझाते हुए कहा कि यह लड़ाई बुंदेलखंड के युवाओं और उनके भविष्य के लिए लड़ी जा रही है। बुंदेला ने जोर देकर कहा कि बुंदेलखंड राज्य का निर्माण क्षेत्र के विकास के नए द्वार खोलेगा और यहाँ के निवासियों को प्रगति के नए अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड राज्य बनने से क्षेत्र की समृद्धि और विकास में तेजी आएगी।

समर्थन देते कॉलेज विद्यार्थी

राजा बुंदेला ने इस दौरान यह भी कहा कि भाजपा छोटे राज्यों की समर्थक रही है, और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2027 तक बुंदेलखंड राज्य का गठन हो जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पदयात्रा सरकार तक यह संदेश पहुँचाने के लिए निकाली जा रही है कि बुंदेलखंड राज्य यहाँ के लोगों की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी संगठनों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।

पदयात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर अधिवक्ताओं, व्यापारियों और स्थानीय संगठनों ने भी इसका जोरदार स्वागत किया। सभा में वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि बुंदेलखंड राज्य बनना अनिवार्य है और यह राज्य विकास के नए मापदंड स्थापित करेगा। वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश के विभाजन की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि जल्द ही बुंदेलखंड, पूर्वांचल और हरित प्रदेश जैसे नए राज्यों का गठन होना चाहिए।

यात्रा के दौरान मडोर जैसे अन्य गाँवों में भी ग्रामीणों का जबरदस्त समर्थन देखने को मिला। वहाँ के ग्राम प्रधानों ने पृथक बुंदेलखंड राज्य के निर्माण के समर्थन में राजा बुंदेला को समर्थन पत्र सौंपा। इस यात्रा के माध्यम से जन-जन तक बुंदेलखंड राज्य की मांग पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है और राजा बुंदेला ने उम्मीद जताई कि यह आंदोलन सरकार तक अपनी बात पहुँचाने में सफल रहेगा।

इस अवसर पर यात्रा संयोजक डॉ. आश्रय सिंह, शिवम् चौहान सोनू, प्रताप बुंदेला, और अन्य स्थानीय नेता जैसे पुष्पेंद्र सिंह चौहान, एडवोकेट राकेश मिश्रा, बाबूसिंह, आदि मौजूद रहे। सभी ने इस जनसमर्थन के प्रति आभार व्यक्त किया और आंदोलन को और अधिक मजबूत करने की अपील की।

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