बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की ‘गोल्डन गर्ल’ निमरा खान: दिन में बिजनेस, रात में पढ़ाई, बनी गोल्ड मेडलिस्ट
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की छात्रा निमरा खान ने अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से एक नया इतिहास रचा। एमएससी कृषि (अर्थशास्त्र) की पढ़ाई कर रही निमरा ने 93.80 प्रतिशत अंक हासिल कर यूनिवर्सिटी में टॉप किया और उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 29वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन्हें दो रजत पदक और एक विन्यासीकृत पदक भी प्राप्त हुआ। निमरा खान की कहानी प्रेरणादायक है, जिसमें वे दिन में बिजनेस संभालती थीं और रात में पढ़ाई करती थीं।
दिन में बिजनेस, रात में पढ़ाई
निमरा खान का कहना है कि वे एक स्टार्टअप चला रही हैं। दिन का समय वे अपने बिजनेस को देने के बाद, रात में पढ़ाई करती थीं। उनका शेड्यूल तय होता था कि उन्हें कब क्या करना है। इस अनुशासन ने ही उन्हें यूनिवर्सिटी का टॉपर बनाया। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें गोल्ड मेडल मिलेगा, लेकिन आज जब उन्हें यह सम्मान मिला तो वे अपनी खुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पा रही हैं।
सेल्फ स्टडी और खुद के नोट्स
पढ़ाई के दौरान निमरा ने सेल्फ स्टडी पर खास ध्यान दिया। वे मल्टीपल सोर्सेज़—जैसे किताबें, गूगल और वेबसाइट्स—से जानकारी इकट्ठा करके अपने नोट्स तैयार करती थीं। उन्होंने बताया कि प्रोफेसरों की मदद से वे कई महत्वपूर्ण टॉपिक्स को समझने में सफल रहीं। उनका मानना है कि नोट्स खुद बनाने से विषय की बेहतर समझ बनती है और पढ़ाई आसान हो जाती है।
रिजल्ट की चिंता नहीं, मेहनत पर जोर
निमरा ने बताया किगोल्ड मेडलिस्ट
उन्होंने कभी रिजल्ट की चिंता नहीं की, बल्कि पढ़ाई में मन लगाकर मेहनत की। वे कहती हैं कि लगातार मेहनत करने से ही सफलता मिलती है। शेड्यूल के अनुसार काम करने से हर काम को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि चाहे एक टॉपिक को पूरा करने में एक घंटे लगें या चार घंटे, वे उसे पूरी तरह से समझकर ही छोड़ती थीं।
एग्रीकल्चर इकोनॉमी में भविष्य की योजना
निमरा खान का फोकस एग्रीकल्चर मार्केटिंग और एग्रीकल्चर प्रोडक्शन पर है। वे आगे इसी विषय में पीएचडी करने की योजना बना रही हैं। वे अपने स्टार्टअप को भी इसी दिशा में आगे बढ़ाने की सोच रही हैं। उनका मानना है कि शिक्षा और व्यवसाय के बीच संतुलन बनाकर बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।
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