पुस्तक का उद्देश्य और मुख्य संदेश
पुस्तक का उद्देश्य है लोगों को अंधविश्वास और मिथ्या परंपराओं से मुक्त करना और उन्हें सच्चे ज्ञान की ओर प्रेरित करना। इसमें यह समझाया गया है कि सेवा का अर्थ केवल बाहरी दिखावे से नहीं है, बल्कि यह सच्चे दिल से और बिना किसी स्वार्थ के होनी चाहिए। संत रामपाल जी का मानना है कि समाज में व्याप्त अज्ञानता और गलत धारणाओं के कारण लोग सही मार्ग से भटक रहे हैं।
समाज पर प्रभाव
पुस्तक “सेवा प्रचार” के प्रचार-प्रसार के साथ ही लोग इसकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर अपने जीवन में बदलाव ला रहे हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी इस पुस्तक का अध्ययन कर सेवा और भक्ति का असली रूप सीख रहे हैं। वे इसे अपनाकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस कर रहे हैं।
जीने की राह पुस्तक की अनोखी भूमिका
यह पुस्तक घर-घर में रखने योग्य है। इसके पढ़ने तथा अमल करने से लोक तथा परलोक दोनों में सुखी रहोगे। पापों से बचोगे, घर की कलह समाप्त हो जाएगी। बहू-बेटे अपने माता-पिता की विशेष सेवा किया करेंगे। घर में परमात्मा का निवास होगा। भूत-प्रेत, पित्तर-भैरव-बेताल जैसी बुरी आत्माएँ उस परिवार के आसपास नहीं आएँगी। देवता उस भक्त परिवार की सुरक्षा करते हैं। अकाल मृत्यु उस भक्त की नहीं होगी जो इस पुस्तक को पढ़कर दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर साधना करेगा।
इस पुस्तक को पढ़ने से उजड़े परिवार बस जाएँगे। जिस परिवार में यह पुस्तक रहेगी, इसको पढ़ेंगे। जिस कारण से नशा अपने आप छूट जाएगा क्योंकि इसमें ऐसे प्रमाण हैं जो आत्मा को छू जाते हैं। शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशे के प्रति ऐसी घृणा हो जाएगी कि इनका नाम लेने से रूह काँप जाया करेगी। पूरा परिवार सुख का जीवन जीएगा। जीवन का सफर आसानी से तय होगा क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है।
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का कहना है कि यह अनमोल पुस्तक लोगों तक निःशुल्क दी जा रही है
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