कौशांबी: अवैध और ओवरलोड बालू वाहनों पर कब होगी सख्त कार्रवाई?
रिपोर्टर अमित कुमार
कौशांबी जिले में ओवरलोड बालू वाहनों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ये वाहन न केवल सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ा रहे हैं। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
ओवरलोडिंग के खतरे और नियमों की अनदेखी
सरकार द्वारा बालू खनन और परिवहन के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। लेकिन, जिले में इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ओवरलोड ट्रकों के कारण सड़कों पर जाम की समस्या बढ़ रही है और सड़कें जल्दी खराब हो रही हैं। इसके अलावा, ये ट्रक हादसों का बड़ा कारण बन रहे हैं, जिससे आम जनता में आक्रोश बढ़ रहा है।
प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत?
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के चलते बालू माफियाओं का हौसला बुलंद है। कुछ लोग तो प्रशासन और बालू माफियाओं के बीच मिलीभगत का आरोप भी लगा रहे हैं। हालांकि, प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्रवाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन इनका कोई प्रभावी असर देखने को नहीं मिल रहा है।
जनता की मांग
जनता का कहना है कि सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए। अवैध बालू खनन और ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानूनों का पालन और नियमित निरीक्षण आवश्यक है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब जागता है और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करता है। जनता को उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकलेगा।
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