भारतीय मीडिया महासंघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, पत्रकार पर दर्ज फर्जी मुकदमे पर निष्पक्ष जांच की मांग
झांसी। भारतीय मीडिया महासंघ के पदाधिकारियों ने पत्रकार पर दर्ज फर्जी मुकदमे के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुल्तान आब्दी, राष्ट्रीय सचिव सुनील जैन डीकू और बुंदेलखंड प्रभारी अनिल शर्मा के नेतृत्व में दिया गया।
मामले की पृष्ठभूमि:
भारतीय मीडिया महासंघ के तहसील टहरौली अध्यक्ष संजय कुशवाहा ने झांसी जिले में अवैध खनन की कवरेज के दौरान संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी थी। इस कवरेज से नाराज भू-माफियाओं ने उन पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। महासंघ के अनुसार, यह मुकदमा पत्रकारों को दबाने और सच्चाई उजागर करने से रोकने के उद्देश्य से दर्ज किया गया है।
पदाधिकारियों की नाराजगी:
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुल्तान आब्दी ने कहा कि यह घटना न केवल पत्रकारिता के मानकों के खिलाफ है, बल्कि इसे लोकतंत्र पर हमला भी कहा जा सकता है। उन्होंने मांग की कि संजय कुशवाहा पर दर्ज झूठा मुकदमा तुरंत समाप्त किया जाए और उनके द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर सही मुकदमा दर्ज किया जाए।
राष्ट्रीय सचिव सुनील जैन डीकू ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि पत्रकारों के साथ इस प्रकार का व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला, तो संगठन इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन करेगा।
धरना प्रदर्शन की चेतावनी:
बुंदेलखंड प्रभारी अनिल शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पत्रकार पर दर्ज फर्जी मुकदमे को वापस नहीं लिया गया और उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई, तो भारतीय मीडिया महासंघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया जाएगा।
ज्ञापन सौंपने में शामिल पदाधिकारी:
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश वर्मा, बुंदेलखंड अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष जावेद खान, सुरेंद्र प्रजापति, तहसील प्रभारी अंकित गौतम, जिला महासचिव अंकित लक्षकार, नगर अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल, विवेक राय, बंदना कुशवाहा, संजीव गोस्वामी, और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
संगठन की एकजुटता:
ज्ञापन देने के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि यह लड़ाई केवल एक पत्रकार की नहीं, बल्कि पूरे पत्रकार समुदाय की है। उन्होंने सरकार से अपील की कि पत्रकारों को न्याय दिलाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
यह ज्ञापन पत्रकारिता की स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
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