क़ुतुब साहब की याद में निकला पारंपरिक पंखा जुलूस
फलावदा कस्बे में मंगलवार को परंपरागत रूप से पंखा जुलूस का आयोजन किया गया। यह जुलूस क़ुतुबशाह जमालुद्दीन के उर्स मेले के अवसर पर निकाला जाता है। जुलूस की शुरुआत मौहल्ला कानी पट्टी से हुई और इसका समापन देर रात क़ुतुब साहब की दरगाह पर हुआ।
पंखा जुलूस का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा फीता काटकर किया गया। जुलूस में पटबाजों के अखाड़े ने विशेष आकर्षण का केंद्र बनकर दर्शकों का मन मोह लिया। पारंपरिक बैंड-बाजे और ढोल की धुनों के साथ पंखा जुलूस कस्बे के विभिन्न मार्गों, जैसे गनशोदा, पुराना बाज़ार, हलवाईयों वाला कुआँ, और मुख्य बाज़ार से होते हुए दरगाह तक पहुँचा।
जुलूस के आयोजन में मेला सदर नफ़ीस राजा अंसारी, नायब सदर नईम अनवर, नायाब मिर्ज़ा, तलहा अज़ीज़, फ़ाइज़ अब्बास, राजा कुरैशी, वक़ार तनवीर फ़रीदी, और कादिर सभासद सहित कई प्रमुख लोगों ने सक्रिय सहयोग दिया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल भी पर्याप्त संख्या में तैनात रहा, जिससे जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सका।
दरगाह परिसर में पंखा चढ़ाने की रस्म पूरी की गई। इसके बाद मेला कैंप में पटबाजों और बैंड-बाजों ने अपने हुनर से उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर कस्बे के लोगों ने परंपरा और धार्मिक एकता के इस अद्भुत संगम को बड़े उत्साह के साथ मनाया।
हर साल आयोजित होने वाला यह पंखा जुलूस फलावदा की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो भाईचारे और श्रद्धा का संदेश देता है।
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