मवाना क्षेत्र में हरे पेड़ों की अवैध कटाई, वन विभाग मौन
मेरठ: मवाना तहसील क्षेत्र में हरे-भरे आम के पेड़ों पर हो रही अवैध कटाई ने वन विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ठेकेदारों की मिलीभगत से हरे पेड़ों पर सरेआम कुल्हाड़ी चलाई जा रही है, और वन विभाग इस पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।
थाने के सामने से हरे पेड़ों की लकड़ियों से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली और डीसीएम गाड़ियां गुजर रही हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। वहीं, आम नागरिकों के खिलाफ छोटी-छोटी घटनाओं में तुरंत कार्रवाई करने वाला विभाग अब उदासीन नजर आ रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों पर ठेकेदारों से मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या कानून केवल साधारण नागरिकों के लिए ही है? स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि यही काम कोई आम व्यक्ति करता, तो उसे सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता।
वन रेंजर का बयान
जब इस मामले पर हस्तिनापुर वन रेंजर रविकांत चौधरी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि टीम भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग की यह उदासीनता एक आम प्रवृत्ति बन गई है।
पेड़ों की कटाई न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह सरकारी प्रयासों को भी विफल कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों से बचता रहेगा।
संवाददाता प्रिंस रस्तोगी
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