पहाड़ी इलाकों में अवैध खनन और पत्थर पटिया का काम दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है
मऊगंज जिले के पहाड़ी इलाकों में अवैध खनन और पत्थर पटिया का काम दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। प्रशासन की रोक और कानून के डर को नजरअंदाज करते हुए खनन माफिया धड़ल्ले से ओवरलोड ट्रैक्टरों के जरिए खनिज संपत्तियों की तस्करी कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस अवैध खनन में रेंजर और मुंशी की भूमिका सवालों के घेरे में है। आरोप हैं कि ये अधिकारी खनन माफियाओं से भारी लेन-देन कर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। रात, सुबह और शाम दिन के हर पहर में ओवरलोड वाहनों की आवाजाही क्षेत्र में आम हो गई है। यह स्थिति प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करती है। खनन माफियाओं की बेखौफ गतिविधियां और अधिकारियों की चुप्पी ने स्थानीय जनता के गुस्से को और बढ़ा दिया है। इस अवैध खनन से जहां पहाड़ियां खोखली हो रही हैं, वहीं पर्यावरण को भी गंभीर क्षति पहुंच रही है। ग्रामीण जल स्रोत सूखने की कगार पर हैं। भूस्खलन का खतरा बढ़ता जा रहा है। सड़कें ओवरलोड ट्रकों की वजह से खराब हो चुकी हैं। हाल ही में इस अवैध खनन की खबरें मीडिया में भी आई थीं, लेकिन रेंजर और मुंशी की मनमानी पर कोई असर नहीं पड़ा। प्रशासन ने अब तक इन अधिकारियों और खनन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने का साहस नहीं दिखाया है। यह सवाल क्षेत्र के हर नागरिक के मन में है। क्या प्रशासन इस अवैध खनन पर लगाम लगाएगा, या फिर यह खेल इसी तरह जारी रहेगा।
जनता की मांग अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाई जाए। रेंजर और मुंशी जैसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ओवरलोड ट्रैक्टरों की जांच और जब्ती की जाए पर्यावरण की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं है, बल्कि पर्यावरण, जनता और कानून-व्यवस्था पर सीधा हमला है। मऊगंज की जनता अब प्रशासन से जवाब चाहती है।
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