ग्राम पंचायत फरीदपुर सलेम में कागजों में चल रहा मनरेगा का कार्य भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा गाँव का विकास
रिपोर्टर अमित कुमार
कौशाम्बी। जनपद के विकास खण्ड चायल का ग्राम पंचायत फरीदपुर सलेम भ्राष्टाचार की चरम सीमा को लाघ चुका है। भारत साकार की मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना का कार्य कागजो तक ही सिमट के रह गया है इस ग्राम पंचायत मे डेढ़ दर्जन मजदूर कागजो मे ही कार्य कर के ग्राम पंचायत के विकास को गति प्रदान कर रहे है जिसमे ग्राम प्रधान व सचिव की भ्रष्टाचार मे महत्वपूर्ण भूमिका स्पष्ट रूप से देखी तथा समझी जा सकती हैं । मनरेगा अभिलेखों से मिली जानकारी के अनुसार फरीदपुर सलेम गाँव के विकास के लिए 19 मजदूरों के तीन मास्टर रोल निकाले गये है जिसमे से संतोष के खेत से भुल्लूर के खेत तक सात मजदूरों के नाम मास्टर रोल निकाला गया है जिसमे तीन महिला मजदूर तथा चार पुरूष मजदूरो के नाम से मास्टर रोल निकाला गया है और वही पर अर्जुन के खेत से हरिशचंद्र के खेत तक 12 मजदूरों का मास्टर रोल निकाला गया है। जिसमे 4 महिला मजदूर व 8 पुरुष जिसमे से दो मजदूरों को अपसेंट किया गया है। वही पर निकाले गए मास्टर रोल मे अर्जुन के खेत से हरिशचंद्र के खेत तक चक मार्ग का निर्माण करने की बात कही गयी है जिस चक मार्ग के कार्य का ताजा मास्टर रोल निकाल कर मजदूरों की हाजिरी भरी जा रही है उस कार्य को पूर्व मे ही करा दिया गया है । जिसमे पूरे 17 मजदूरों के निकाले गए इन सभी मास्टर रोलो की हकीकत यह है की सभी चक मार्ग का निर्माण कार्य कई महीने पहले कराया जा चुका है जिसकी जमीनी हकीकत चिला चिला कर गवाही दे रही है। लेकिन इसके बाद भी 17 मजदूरों के फर्जी मास्टर रोल निकाला कर हाजिरी लगाने का कार्य किया जा रहा है।
यह काम कोई नया नही है कागजो मे विकास का कार्य काफी सालों से इस ग्राम पंचायत में चलता चला आ रहा है जिसकी जमीनी हकीकत उच्च जिम्मेदार अधिकारियों को भी नही दिखाई दे रही है ।
जिस ओर ग्रामीणों ने जिला अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराने की गुहार लगाई है।
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