हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हुआ पालन सरकारी चिकित्सक संचालित करते हैं निजी नर्सिंग होम सीएमओ की भूमिका पर खड़े है सवाल
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी जिले कस्बे बाजार चौराहे में संचालित नर्सिंग होम में 80 प्रतिशत नर्सिंग होम में राजकीय चिकित्सक सेवा दे रहे हैं तमाम नर्सिंग होम सरकारी चिकित्सकों के हैं उच्च न्यायालय ने शासन को निर्देशित किया है राजकीय चिकित्सा शिक्षक अथवा राजकीय चिकित्सक यदि निजी नर्सिंग होम निजी अस्पताल में प्रैक्टिस में लिप्त पाए जाते हैं तो विभागीय कार्रवाई करने हेतु संस्तुति दें।
उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग लखनऊ ने भी 13 फरवरी को पत्र संख्या 86 पीएस जारी करते हुए प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया है कि 10 फरवरी 2025 के हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सरकारी चिकित्सकों के नर्सिंग होम पर कार्यवाही करें 10 फरवरी को हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद भी अभी तक कौशांबी जिले के सरकारी चिकित्सकों के निजी चिकित्सा पर रोक नहीं लगी।
सूत्रों की माने तो जिले में 90 से अधिक ऐसे सरकारी चिकित्सक है जो निजी नर्सिंग होम के संचालन में व्यस्त हैं लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सरकारी चिकित्सकों पर कार्यवाही ना किए जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हैं इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।
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